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चेक बाउंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गठित की कमेटी, तीन महीने में देगी रिपोर्ट, जानें कौन कौन होंगे इसके सदस्‍य

नई दिल्ली। देश की अदालतों में लंबित कुल मुकदमों में एक बड़ा हिस्सा सिर्फ चेक बाउंस के मुकदमों का है। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस के मुकदमों के शीघ्र निपटारे के उपाय सुझाने के लिए बांबे हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश आरसी चव्हाण की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेगी। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह 12 मार्च तक कमेटी के अन्य सदस्यों के नाम कोर्ट को दें।

अतिरिक्त अदालतें गठित करने का सुझाव

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने चेक बाउंस के मामलों को जल्दी निपटाने के लिए अतिरिक्त अदालतों के गठन का सुप्रीम कोर्ट का सुझाव सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट लंबित मुकदमों के शीघ्र निपटारे के मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में चेक बाउंस के मुकदमे शीघ्र निपटाने के लिए केंद्र सरकार को अतिरिक्त अदालतें गठित करने का सुझाव दिया था।

कानून लाने की कही थी बात

कोर्ट ने कहा था कि केंद्र को ऐसे मुकदमे निपटाने के लिए एक निश्चित अवधि के लिए अतिरिक्त अदालतों के गठन का कानून लाना चाहिए। केंद्र को अनुच्छेद 247 के तहत यह अधिकार है और यह उसका दायित्व भी है। अनुच्छेद 247 संसद को केंद्रीय सूची के कानूनों के बेहतर प्रशासन के लिए अतिरिक्त अदालतें गठित करने का अधिकार देता है।

सरकार अदालत के सुझाव से सहमत

बुधवार को यह मामला प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधानपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगा था। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सरकार अदालत के सुझाव से सैद्धांतिक तौर पर सहमत है।

सकारात्मक सुझाव मिले

पीठ ने कहा कि उन्हें चेक बाउंस के मुकदमे जल्दी निपटाने के बारे में बहुत से सकारात्मक सुझाव मिले हैं, जिन पर सावधानीपूर्ण विचार की जरूतर है। इसके लिए एक कमेटी गठित कर रहे हैं, जो बार व पक्षकारों की ओर से आए सुझावों पर विचार करके कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी स्पष्ट तौर पर पूरे देश में लंबित चेक बाउंस के मुकदमों के जल्द निपटारे की रूपरेखा बताएगी।

कमेटी में कौन-कौन होगा शामिल

बांबे हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश आरसी चव्हाण की अध्यक्षता वाली कमेटी के अन्य सदस्य वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारी होंगे। इनमें एडिशनल सेक्रेटरी की रैंक से कम के अधिकारी नहीं होंगे। इसके अलावा न्याय विभाग, कॉरपोरेट मंत्रालय, व्यय विभाग, गृह मंत्रालय के अधिकारी और रिजर्व बैंक व इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (नालसा) का प्रतिनिधि और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता या उनके द्वारा नामित व्यक्ति भी कमेटी में होगा। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार कमेटी को सचिवालय सहयोग मुहैया कराएगी। कमेटी जिस भी विशेषज्ञ से चाहे मशविरा कर सकती है।