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प्रदर्शनकारियों पर घातक हथियारों का इस्‍तेमाल कर रही है म्‍यांमार सेना, खुलेआम हो रहा लोगों का कत्‍ल

वाशिंगटन (रॉयटर्स)। एमनेस्‍टी इंटरनेशनल ने कहा है कि म्‍यांमार सेना अपने खिलाफ प्रदर्शनों को दबाने के लिए उन हथियारों का इस्‍तेमाल कर रही है जो युद्ध क्षेत्र में अपने दुश्‍मनों के खिलाफ किए जाते हैं। गौरतलब है कि देश में तख्‍तापलट की धटना के बाद हजारों लोगों ने सेना की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया है, जो अब भी जारी है। सेना इन्‍हें दबाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर लेथल वैपंस का इस्‍तेमाल कर रही है।

एमनेस्‍टी की तरफ से कहा गया है कि उन्‍होंने म्‍यांमार की सड़कों पर होने वाले प्रदर्शन और इन्‍हें रोकने के लिए अपनाई जा रही तकनीक के करीब 50 वीडियो देखें हैं जिसके बाद इसकी पुष्टि की गई है। वहीं संयुक्‍त राष्‍ट्र का कहना है कि इन प्रदर्शनों के दौरान सेना के हाथों करीब 60 प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं। एमनेस्‍टी की तरफ से कहा है कि इस दौरान एक्‍सट्रा जूडिशल एग्‍जीक्‍यूशन से भी सेना पीछे नहीं हट रही है। रॉयटर ने इस बात सैन्‍य शासन के प्रवक्‍ता से बात करने की कोशिश की लेकिन नाकामी ही मिली।

म्‍यांमार की सेना की तरफ से कहा जा रहा है कि वो प्रदर्शनकारियों पर पूरी तरह से संयंम बरत रही है। आपको बतादें कि म्‍यांमार सेना के प्रमुख द्वारा 1 फरवरी को देश की लोकतांत्रिक सरकार का तख्‍तापलट कर सत्‍ता अपने हाथों में ले ली थी। इसके बाद से ही देश की राष्‍ट्राध्‍यक्ष आंग सांग सू की समेत सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था।

दुनिया के सभी अंतरराष्‍ट्रीय संगठन मांग कर रहे हैं कि इन नेताओं की तुरंत रिहाई कर देश में पुरानी व्‍यवस्‍था फिर से बहाल की जाए। वहीं सेना की तरफ से कहा जा रहा है कि नवंबर 2020 के चुनाव में सू की की पार्टी ने बड़े पैमाने पर धांधली की थी, जिसकी वजह से उन्‍हें हिरासत में लिया गया है। सेना की तरफ से पूर्व में ये भी कहा गया था कि ऐसा करना देश की जरूरत थी।

एमनेस्‍टी की तरफ से कहा गया है कि सेना जिस तरह के बड़े हथियारों का उपयोग प्रदर्शनकारियों पर कर रही है वो युद्ध क्षेत्र में इस्‍तेमाल होते हैं। इसके अलावा सेना पर एमनेस्‍टी द्वारा अल्‍पसंख्‍यकों पर खासतौर पर रोहिंग्‍याओं पर अत्‍याचार करने का भी आरोप लगाया है। एमनेस्‍टी इंटरनेशनल के डायरेक्‍टर जॉन मेरिनर का कहना है कि ये फैसला सोचविचार कर लिया गया नहीं है बल्कि घटिया मानसिकता को दर्शाता है। ऐसा किया जाना मानवता के खिलाफ है। सेना खुलेतौर पर लोगों का कत्‍ल कर रही है और उसको सही करार देने में लगी है।

एमनेस्‍टी की तरफ से कहा गया है कि सेना प्रदर्शनकारियों पर मशीनगन, स्‍नाइपर राइफल्‍स, लाइट मशीनगन समेत दूसरी तरह की असाल्‍ट राइफल्‍स का इस्‍तेमाल कर रही है। एमनेस्‍टी की तरफ से म्‍यांमार की सेना को ये सबकुछ तुरंत रोकने की अपील की गई है। द असिसटेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स की तरफ से कहा गया है कि सेना ने करीब 2000 लोगों को हिरासत में ले रखा है।