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डाक्टर बनने का ऐसा जुनून, 75 की उम्र में दी नीट

रायपुर। यह हौसले व जज्बे की कहानी है। वर्ष 1965 में मात्र पांच अंक से चूकने का दर्द उन्हें सालता रहा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। ठान रखा था कि कामयाबी हासिल करके रहेंगे। वे युवा से बुजुर्ग हो गए लेकिन जुनून खत्म नहीं होने दिया। रविवार को सेक्टर-10 के परीक्षा केंद्र में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (यूजी)-2021 यानी नीट देने को जब 75 वर्षीय सेवानिवृत्त प्राचार्य जीडी गवेल पहुंचे, तो परीक्षार्थियों के साथ ही सारा स्टाफ उन्हें आश्चर्य से देखता रहा।
छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी व कोरबा शासकीय स्कूल के सेवानिवृत्त प्राचार्य गुरुदीन यानी जीडी गवेल ने बताया कि बचपन से उनकी इच्छा डाक्टर बनने की थी। 1965 में उन्होंने प्री प्रोफेशनल की परीक्षा दी थी, जिसमें पांच अंक से चूक गए थे। बाद में सरकारी स्कूल में शिक्षक बन गए। गवेल बताते हैं कि उनके परिवार में पांच लोग डाक्टर हैं। रिटायरमेंट के बाद वे बच्चों को पढ़ाते रहे, साथ ही तैयारी भी करते रहे।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से पता चला कि नीट के लिए अब उम्र का कोई बंधन नहीं है। बीते साल भुवनेश्वर के 64 वर्षीय दिव्यांग को नीट देते देख उन्हें और हौसला मिला। उन्होंने बताया कि पेपर बहुत अच्छा था। केमिस्ट्री और साइंस बहुत ही अच्छा गया। फिजिक्स थोड़ा कठिन जरूर था, पर पेपर अच्छा बना।
छत्तीसगढ़ से कितनों ने दी नीट
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा ( यूजी ) – 2021 यानी नीट में रायपुर के 32 केंद्रों में 93.5 फीसद परीक्षार्थी उपस्थित रहे। यहां पंजीकृत 12 हजार 540 परीक्षार्थियों में से 11 हजार 726 ने परीक्षा दी है। 814 अनुपस्थित रहे। वहीं बिलासपुर में 31 केंद्रों में परीक्षा हुई। यहां 12,418 परीक्षार्थियों में 10,126 उपस्थित और 2292 अनुपस्थित रहे।

 

इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रवक्ता डा. जितेंद्र तिवारी ने कहा कि नीट देने की न्यूनतम आयु सीमा 17 साल है, लेकिन अधिकतम आयु सीमा तय नहीं है। बीच में केंद्र सरकार ने अधिकतम आयु 25 वर्ष किया था, पर यह लागू नहीं हो पाया है। इसलिए परीक्षा में चयन होने के बाद कोई भी मेडिकल की पढ़ाई कर सकता है।