कोरोना काल में दो वर्षों से स्वतंत्र भारत में रहते हुए भी गुलामी का किया अनुभव : प्रमोद दुबे
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के गांधी चौक स्थित महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय में सोमवार से नियमित कक्षाएं कोविड-19 के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए परंपरागत आफलाइन मोड़ में शुरू हुई। इस मौके पर प्रथम वर्ष में नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं के लिए अभिमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अतिथियों ने कोरोना महामारी के दौरान अपने अनुभव को साझा किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगर निगम निगम सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि विगत दो वर्षों से स्वतंत्र भारत में रहते हुए भी गुलामी को करीब से अनुभव किया है, लेकिन अब धीरे-धीरे सभी परिस्थितियां सामान्य हो रही हैं।
अब सभी को बड़ी गंभीरता से अपने अध्ययन-अध्यापन को आगे बढ़ाना होगा। इस मैौके पर उन्होंने अपने छात्र जीवन के अनुभवों को भी छात्र-छात्राओं से साझा किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डा. देवाशीष मुखर्जी ने छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय में उपलब्ध लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी, फ्री वाई-फाई कैंपस, बुक बैंक, एनसीसी एवं एनएसएस जैसी सुविधाओं के बारे में सभी को अवगत कराया।
चिकित्सा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संभावनाओं पर मंथन
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) रायपुर के तत्वावधान में 20 सितंबर को अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा के क्षेत्र में इनके संभावनाओं पर पांच दिवसीय संगोष्ठी आयोजित किया गया। इसका संचालन डिपार्टमेंट आफ इनफार्मेशन टेक्नोलाजी एंड बायोमेडिकल इंजीनियरिंग द्वारा किया जा रहा है। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि सीएसवटीयू के वाइस चांसलर डा. एसके वर्मा, हेड ह्यूमन कम्प्यूटर इंटरेक्शन, यूनिवर्सिटी आफ जर्मनी डा. चंदन कुमार उपस्थित रहे। इसमें कुल 189 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी में कई प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, रिसर्चर के साथ ही आदि शामिल रहे।