तृतीय लिंग समुदाय के लिए नीति बनाने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य- मुख्यमंत्री बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां थर्ड जेंडर के लिए नीतियां बनाई गई हैं, ताकि वे सम्मान के साथ जीवन जी सकें। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में तृतीय लिंग समुदाय के 13 नव-नियुक्त पुलिस आरक्षकों को सम्मानित किया और उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबने तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण के लिए संचालित कार्यक्रम और छत्तीसगढ़ शासन की नीति का लाभ उठाकर अपने जीवन को एक नई दिशा दी है। आप सब अपने समुदाय के लिए प्रेरक बनकर लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित करें।
इस मौके पर सभी आरक्षकों ने मुख्यमंत्री को राज्य में तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण, पुनर्वास एवं संरक्षण के लिए बनाई गई नीति के लिए आभार जताया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में सभी जाति, वर्ग, समुदाय और लिंग के व्यक्तियों हितों एवं उनके संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रही है। सामाजिक सद्भाव और समरसता को आगे बढ़ाना राज्य सरकार की नीति है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने राज्य के तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए पॉलिसी बनाई है। छत्तीसगढ़ राज्य ने तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास एवं अधिकारों के संरक्षण हेतु कल्याण बोर्ड का गठन भी किया है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने इस साल के बजट में तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु आश्रम सह पुनर्वास केन्द्र स्थापित करने के लिए 76 लाख का प्रावधान रखा है।
आरक्षक पद के प्रतिभागियों को प्रशासन एकेडमी और राज्य संसाधन एवं पुनर्वास केंद्र में पांच माह तक लिखित एवं फिजिकल टेस्ट की तैयारी विषय-विशेषज्ञों द्वारा कराई गई। इस दौरान प्रतिभागितयों के लिए निशुल्क भोजन, आवास की व्यवस्था की गई। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।