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बाढ़ पीड़ितों को राशन देने के लिए शासन स्तर पर पहुंचाई मांग, पीडीएस सिस्टम में नहीं हैं पात्र

ग्वालियर। राशन की मांग कर रहे बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए विभाग ने शासन स्तर पर बात की है। ग्वालियर के अधिकारियों ने भोपाल में यह डिमांड भेज दी है। यह ऐसे परिवार हैं, जो पीडीएस सिस्टम में पात्र नहीं हैंं, लेकिन बाढ़ में पूरी फसल खराब हो जाने से राशन के भी मोहताज हो गए हैं। पचास किलो आटा सरकार की ओर से दिया गया था, लेकिन वह कितने दिन चलेगा। बाढ़ प्रभावित ग्रामों में ऐसे तीस प्रतिशत परिवार हैं, जिनके पास राशन नहीं है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के पास इन लोगों की ओर से डिमांड पहुंच रही है। फिलहाल विभाग का कहना है कि पीडीएस राशन देने के लिए बाढ़ प्रभावित की श्रेणी अभी नहीं है, अगर शासन की ओर से आदेश आते हैं तो राशन दिया जाएगा।

ज्ञात रहे कि ग्वालियर चंबल संभाग में अगस्त माह में आई बाढ़ के कारण काफी नुकसान हुआ और लोग बेघर हो गए। ग्वालियर में 46 गांव बाढ़ प्रभावित हैं, जो कि डबरा और भितरवार सब डिवीजन के हैं। इन गांवों मे फसलें नष्ट हो गईं थीं और मवेशियों का भी नुकसान हुआ। सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए तत्काल राहत के रूप में पांच हजार रूपये, पचास किलो आटा प्रति परिवार और पांच लीटर मिट्टी का तेल वितरित करने का दावा किया था। ग्वालियर जिले में आटा तो वितरित हुआ था, लेकिन मिट्टी का तेल हर पीड़ित परिवार तक नहीं पहुंचा। जिला आपूर्ति अधिकारी सीएस जादौन ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में 70 प्रतिशत लोग पीडीएस सिस्टम से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा तीस प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जिन्हें राशन नहीं मिलता हैं। इन परिवारों का कहना है कि शासन से जो मदद मिली थी, वह खत्म हो गई है। अब फसल भी नहीं बची है तो खाने का इंतजाम कहां से होगा। अभी बाढ़ पीड़ित परिवारों को राशन देने के आदेश नहीं मिले हैं। लगभग तीस प्रतिशत ऐसे परिवार हैं, जो पीडीएस से नहीं जुड़े हैं। लोग राशन की मांग कर रहे हैं।