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केंद्रीय मंत्री ने कहा- 2004 में सोनिया गांधी को बनना चाहिए था प्रधानमंत्री, जानें- क्या दिया तर्क

नई दिल्ली। अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहने वाले केंद्रीय मंत्री और आरपीआइ नेता रामदास अठावले ने सोनिया गांधी को लेकर फिर बड़ा बयान दिया है। अठावले ने कहा  जब यूपीए सत्ता में आई थी तब सोनिया गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनना चाहिए था। इसके लिए उन्होंने तर्क दिया है कि जब कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति बन सकती हैं तो सोनिया गांधी भारत की प्रधानमंत्री क्यों नहीं सकतीं।

उन्होंने कहा कि यूपीए के सत्ता में आने पर सोनिया गांधी को पीएम बनना चाहिए था। अगर कमला हैरिस अमेरिकी उपराष्ट्रपति बन सकती हैं तो सोनिया गांधी पीएम क्यों नहीं बन सकतीं। वो एक भारतीय नागरिक हैं, पूर्व पीएम राजीव गांधी की पत्नी और लोकसभा सदस्य हैं

बता दें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का विदेशी मूल होने का मुद्दा 2004 के लोकसभा चुनावों में उठा था। इसे बेमानी करार देते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि अगर भारतवंशी कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति बन सकती हैं, तो इटली में जन्मीं सोनिया गांधी भी 17 साल पहले आम चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद वह भारत की प्रधानमंत्री बन सकती थीं।

केंद्रीय मंत्री ने यह बात ऐसे वक्त कही है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर हैं और उन्होंने वहां हैरिस के साथ बैठक भी की है। आठवले ने कहा कि जब 2004 के चुनावों में यूपीए को बहुमत मिला था, तब मैंने प्रस्ताव रखा था कि सोनिया गांधी को भारत का प्रधानमंत्री बनना चाहिए। तब मेरा मत था कि उनके विदेशी मूल के मुद्दे का कोई अर्थ नहीं है।’

रामदास आठवले ने आगे कहा, ‘अगर कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति बन सकती हैं, तो भारत की नागरिक, राजीव गांधी की पत्नी और लोकसभा के लिए चुनी गईं सोनिया गांधी इस देश की प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकती थीं?’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2004 में गांधी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए था और अगर उन्हें यह पद स्वीकार नहीं करना था, तो कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी के तत्कालीन वरिष्ठ नेता शरद पवार को प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए था।

 शरद पवार पीएम होते तो देश की दुर्गति न होती

आठवले ने कहा कि पवार जन नेता होने के कारण प्रधानमंत्री पद के लायक थे और कांग्रेस को मनमोहन सिंह के स्थान पर उन्हें प्रधानमंत्री बनाना चाहिए था, लेकिन सोनिया गांधी ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पवार 2004 में देश के प्रधानमंत्री बनते, तो कांग्रेस की ऐसी कथित दुर्गति नहीं होती, जैसी आज हो रही है।