सीमाओं पर सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त, खुफिया एजेंसियों ने बलों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल से परहेज करने की सलाह दी, जानें वजह
नई दिल्ली। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान की वापसी के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा की कड़ी स्थिति के बीच खुफिया एजेंसियों ने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें सुझाव दिया गया है कि सुरक्षा कर्मियों को संवेदनशील स्थानों खास कर सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न सोशल मीडिया साइटों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि निगरानी एजेंसियों ने पाया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (Inter-Services Intelligence, ISI) फर्जी पहचान के साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और अन्य सोशल साइटों पर सक्रिय है। आईएसआई ने सोशल मीडिया समूहों में घुसपैठ की कई कोशिशें की है।
खुफिया एजेंसियों ने सुझाव दिया है कि पाकिस्तानी आईएसआई की साजिशों को देखते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में हाई-अप को केवल सुरक्षित संचार नेटवर्क पर फील्ड संरचनाओं के साथ संवाद करना चाहिए। यही नहीं सुरक्षा बलों को इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा सरकारी ईमेल नेटवर्क का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
खुफिया एजेंसियों की ओर से जारी सुझाव में सुरक्षा बल के जवानों को अन्य सोशल नेटवर्क से व्हाट्सएप काल या अन्य इंटरनेट काल करने से भी रोका गया है। जारी अलर्ट में कहा गया है कि इकाइयों या बटालियनों या छुट्टी पर जाने वाले बलों के जवानों की आवाजाही का ब्यौरा भी सोशल मीडिया के प्लेटफार्मों पर नहीं साझा किया जाना चाहिए।
एक वरिष्ठ आधिकारिक सूत्र ने बताया कि यह विभिन्न बलों में तैनात जवानों और कर्मचारियों के लिए प्रोटोकाल का हिस्सा रहा है। मौजूदा वक्त में भी जवानों और कर्मचारियों को इसका पालन करना चाहिए। खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि आईएसआई संवेदनशील जानकारियां जमा करने के लिए सुरक्षा बलों में तैनात कर्मचारियों के व्हाट्सएप समूहों में घुसपैठ करने की फिराक में है। यही नहीं ऐसी कोशिशें पहले भी की जा चुकी हैं…
खुफिया एजेंसियों ने अपनी छानबीन में पाया है कि झूठी पहचान वाले कई समूह फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल, वीचैट आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं। यही कारण है कि विभिन्न बलों में तैनात जवानों और समूहों से सोशल मीडिया पर किसी भी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार नहीं करने को कहा गया है।