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तीन कमरों में पढ़ रहे 400 बच्चे, जर्जर स्थिति में स्कूल, पैसे न मिलने पर ठेकदार ने बंद किया काम

ग्वालियर। 18 माह के बाद स्कूल तो शुरू हो गए, लेकिन शासकीय विद्यालयों के हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे हैं। कुछ स्कूल ऐसे हैं, जहां की बदहाल स्थिति का असर बच्चों की पढ़ाई पर पढ़ रहा है। साफ सुथरा माहौल न मिलने के कारण बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है। मुरार स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय तिकोनिया जर्जर हालत में था। उसे संवारने के लिए रिनोवेशन शुरू किया गया। इसके अंतर्गत कक्ष, खेल का मैदान और शौचालय को दुरुस्त करना था, मगर ठेकेदारों ने भुगतान न होने के कारण काम बंद कर दिया। शिक्षकों को वर्तमान में तीन पुराने कक्षों में ही कक्षाओं का संचालन करना पड़ रहा है, जबकि इस स्कूल में 401 विद्यार्थी पढ़ाई करने के लिए आते हैं। इस बीच स्कूल प्राचार्य ने ठेकेदार को काम पूरा करने को भी कहा, पर उसने भुगतान न होने के कारण उनकी बात को टाल दिया। अधूरे काम की वजह से स्कूल में गंदगी का आलम बना हुआ है।

भुगतान न होने पर काम शुरू करना मुश्किल

ठेकेदार योगेंद्र सिकरवार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि तीन साल पहले स्कूल के कक्ष, शौचालय और ग्राउंड की मरम्मत का काम सौंपा गया था। हमने कक्ष तो बना दिए हैं, इसके बाद विभाग ने हमारा भुगतान नहीं किया। मजबूर होकर हमें काम बंद करना पड़ा। हमें भी लेवर का भुगतान करना होता है। जब उुपर से हमारे पास पैसा नहीं आएगा तो काम कैसे संभव हो पाएगा। पुराना भुगतान होने के बाद शौचालय व खेल के मैदान की मरम्मत शुरू कर पाएंगे। कक्ष से जुड़े कार्य 34 लाख और शौचालय पर तीन लाख रुपये खर्च होने हैं।

नगर निगम को कर दिया भुगतान

डीपीसी बीपी ठाकुर ने बताया कि विभाग द्वारा कार्य का भुगतान नगर निगम को कर दिया गया है, जबकि पैसा ठेकेदार को पहुंचना था। इस विषय पर निगम को जवाब देना होगा। इसके अलावा ठेकेदार को कुछ पैसे का भुगतान काम शुरू होने से पहले कर दिया था, शेष पैसा निगम को देना है। अगर शुरू में ही हम पूरा भुगतान कर देते तो ठेकेदार के काम बीच में छोड़कर जाने का डर था। इसके बाद हम किसे पकड़ते।