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जिला अदालत का एक नम्बर प्रवेश द्वार प्रतिबंधित करने के खिलाफ वकील धरने पर बैठे, आज न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे

जबलपुर। जिला अदालत के एक नम्बर प्रवेश द्वार को प्रतिबंधित किए जाने के खिलाफ मंगलवार को वकील धरने पर बैठ गए। लिहाजा, काफी संख्या में पुलिस बल तैनात हो गया। कुछ वकील गिरफ्तार कर लिए गए। लिहाजा, आज वकील न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। जिला बार व बेंच के बीच पार्किंग को लेकर संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। गेट नंबर एक से वकीलों के वाहनों का प्रवेश निषेध किए जाने से वकील आक्रोशित हो गए हैं। उनकी मांग पर कार्यकारिणी की आपात बैठक आहूत की गई, जिसमें सर्वसम्मति से आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया।

गेट नंबर एक से कार भीतर लाने से वंचित कर दिया : जिला बार अध्यक्ष सुधीर नायक व सचिव राजेश तिवारी ने बताया कि बार और बेंच न्यायपालिका के दो स्तंभ हैं। दोनों के बीच समन्वय से ही न्यायपालिका का सहज संचालन संभव होता है। लेकिन देखने में आ रहा है कि बेंच द्वारा समय-समय पर किसी न किसी बहाने बार को नीचा दिखाने की कोशिश की जाती है। जब से नई जिला अदालत का निर्माण हुआ, गेट नंबर एक से वकीलों के वाहन भीतर प्रवेश करते थे, इनमें कार शामिल हुआ करती थीं। वकील विधिवत पार्किंग स्थल पर कार पार्क करते थे। लेकिन ताजा आदेश के जरिये वकीलों को गेट नंबर एक से कार भीतर लाने से वंचित कर दिया गया है। आलम यह है कि जिला अदालत के नए परिसर के कुल पार्किंग स्थल में से महज 20 फीसद हिस्सा वकीलों के लिए निर्धारित किया गया है, जो कि काफी कम है। इससे वकील खुद को अपमानित अनुभव कर रहे हैं। न केवल वकीलों के आत्म सम्मान पर चोट की गई बल्कि आवश्कता तक की अनदेखी की गई है। ऐसा महसूस कराया जा रहा है कि सिर्फ न्यायाधीशों की सुरक्षा ही अनिवार्य है, वकीलों की नहीं। यदि गेट नंबर एक वकीलों की कारों के प्रवेश के लिए नहीं खोला गया तो वकील आंदोलन करने विवश हो गए हैं। अधिवक्ता नेताओं ने आरोप लगाया कि मंगलवार को जब जिला सत्र न्यायाधीश से बातचीत चल ही रही थी, तब पुलिस ने धरने पर बैठे वकीलों को जबरन उठाने की कोशिश की।