छत्तीसगढ़ में चार हजार करोड़ का बैंकिंग लेन-देन ठप, दो हजार शाखाएं रहीं बंद
रायपुर। Bank Strike: यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर सोमवार से शुरू दो दिवसीय बैंक हड़ताल के पहले दिन छत्तीसगढ़ में करीब चार हजार करोड़ का बैंकिंग लेन-देन प्रभावित रहा। हड़ताल के चलते प्रदेश भर के विभिन्न बैंकों की दो हजार से अधिक शाखाओं में काम नहीं हुआ। निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों की यह हड़ताल मंगलवार को भी रहेगी।
देश भर में यह हड़ताल की जा रही है। बैंकोें की इस हड़ताल में स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, पीएनबी, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, यूको बैंक सहित सभी राष्ट्रीकृत बैंक शामिल थे। सोमवार सुबह 10.30 बजे मोतीबाग स्थित पंजाब नेशनल बैंक के सामने यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के बैनर तले विभिन्ना बैंकों के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए।
बैंक कर्मियों का कहना था कि इस तरह से बैंकों का निजीकरण किया जाना गलत है और से आम ग्राहकों के साथ ही बैंकों को भी कोई फायदा नहीं होगा। छत्तीसगढ़ बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के महामंत्री शिरीष नलगुंडवार का कहना है कि बैंकों का निजीकरण किया जाना सही नहीं है। इसके बदले सरकार को चाहिए कि वह उपभोक्ताओं की सेवाओं में बढ़ोतरी करे। एआइबीओसी के राज्य सचिव वाइ गोपाल कृष्णा ने कहा कि बैंकों का निजीकरण पूरी तरह से गलत है। मंगलवार को भी पीएनबी के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।
एटीएम हुए खाली
बैंकों की हड़ताल के चलते भले ही आनलाइन सेवाएं चल रही है और बैंक भी इन दिनों आनलाइन सेवाओं को ज्यादा प्रमुखता दे रहे है। लेकिन हड़ताल के पहले ही दिन स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक सहित बहुत सी बैंकों के एटीएम खाली हो गए।
सेन्ट्रल बैंक की आश्रम शाखा के पास स्थित एटीएम, छत्तीसगढ़ कालेज के पास स्थित एटीएम, यूनियन बैंक का संतोषी नगर स्थित एटीएम खाली मिले। इसके साथ ही एक्सिस बैंक के भी एटीएम खाली मिले। एटीएम खाली होने की वजह से बहुत से क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को पैसे के लिए भटकना पड़ा।
साथ ही एक एटीएम से दूसरे एटीएम के चक्कर लगाने पड़े। बैंकिंग प्रबंधन का कहना है कि इन दिनों वे आनलाइन सेवाओं पर विशेष फोकस कर रहे हैं।