सरकारी स्कूलों में बढ़ा संक्रमण का खतरा, शिक्षा विभाग निश्चिंत
बिलासपुर। सरकारी स्कूलों में कोरोना संक्रमण का खतरा हर दिन बढ़ रहा है। बच्चों के साथ शिक्षक और कर्मचारी भी भयभीत हैं। लेकिन, जिला शिक्षा विभाग को इसकी जरा भी चिंता नहीं है। नवमी और 11वीं प्रायोगिक परीक्षा के लिए प्रतिदिन भीड़ उमड़ रही है। वहीं घुटकू की एक शिक्षक के संक्रमित होने के बाद ग्रामीण अंचल के स्कूलों में दहशत का माहौल है।
घुटकू के शासकीय स्कूल की एक महिला शिक्षक के कोरोना संक्रमित होने के बाद भी मंगलवार को कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुआ है। अन्य शिक्षकों व बच्चों की जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम सचेत है। न्यायधानी के स्कूलों में अभी बच्चों को प्रायोगिक तो 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा का पाठ्यक्रम पूरा कराने आफलाइन कक्षाएं लग रही हंै।
निजी स्कूल के बच्चे जहां आनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं वहीं सरकारी स्कूल के बच्चे कक्षा में प्रतिदिन उपस्थित हो रहे हैं। इसी का परिणाम है कि एक के बाद एक स्कूलों में संक्रमित मिल रहे हैं। इसके पूर्व तखतपुर में तीन छात्राएं और सेंट फ्रांसिस स्कूल भरनी में सात कोरोना संक्रमित मिले थे। अभिभावकों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि सरकारी स्कूल के बच्चों की जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को जरा भी चिंता नहीं है।
मास्क न सैनिटाइजर
सरकारी स्कूलों में सुरक्षा को लेकर स्थिति यह है कि बच्चों के पास न तो मास्क है और न स्कूल के पास सैनिटाइजर। हाथ धोने के लिए साबुन तक नहीं है। निरीक्षण के लिए अधिकारी भी निकलने से कतरा रहे हैं। इधर अभिभावकों का गुस्सा बढ़ते जा रहा है।
सेंट जेवियर्स भरनी में हंगामा
फीस जमा करने के मामले में मंगलवार को सेंट जेवियर्स स्कूल में जबरदस्त हंगामा हुआ। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन ने फीस जमा नहीं करने वाले बच्चों को प्रायोगिक परीक्षा से वंचित रखा। बच्चे दो घंटे तक खड़े रहे। आखिर में फीस जमा करने के बाद मौका दिया गया। अभिभावकों ने डीईओ को पत्र भी लिखा। लेकिन, इसका कोई फायदा नहीं हुआ।