धमतरी जिले में चावल आधारित लघु उद्योग स्थापित करने पर दिया जोर
धमतरी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत (प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन) योजना के क्रियान्वयन को लेकर कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने चार फरवरी को जिला स्तरीय समिति की बैठक ली। उन्होंने जिले में चावल आधारित उद्योगों की संभावनाओं व स्थापना को लेकर जानकारी ली तथा कृषि उत्पादन संगठनों (एफपीओ) को इससे जोड़ने के निर्देश दिए।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर एवं समिति के अध्यक्ष ने कहा धमतरी मुख्यतः चावल उत्पादक जिला है और इस क्षेत्र में लघु उद्योगों की स्थापना की असीम संभावनाएं हैं। ऐसे में चावल आधारित उद्योगों को प्राथमिकता के आधार पर स्थापित किया जा सकता है, जिससे नवीन रोजगार सृजित हो सकेंगे। बैठक में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (आत्मनिर्भर भारत) योजना के बारे में जानकारी देते हुए महाप्रबंधक उद्योग एवं व्यापार केंद्र एसपी गोस्वामी ने बताया कि विभाग द्वारा मुरमुरा, राइस नूडल्स, राइस पेपर, राइस स्टार्च, तथा चावल पापड़ मुरकू निर्माण पर आधारित उद्योग की कार्ययोजना तैयार की गई है।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए सहायता दी जाएगी, जिसके तहत उन्नयन के लिए विद्यमान संगठित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की अनुदान सहायता से परियोजना लागत की 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान की सहायता योजना के तहत की जाएगी।
साथ ही वर्किंग कैपिटल के तौर पर खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत स्वसहायता समूहों के प्रति सदस्य को 40 हजार रुपये की दर से प्रारंभिक पूंजी प्रदाय योग्य होगी। इसके अलावा उन्होंने योजना के लिए पात्रता एवं मापदंड, आवेदन करने की प्रक्रिया, समूहों का श्रेणीकरण सहित योजना के प्रमुख बिंदुओं के बारे में बैठक में बताया। जिला पंचायत सीईओ मयंक चतुर्वेदी ने बिहान के तहत गठित समूहों को इस योजना के दायरे में लाकर अधिकाधिक महिलाओं को जोड़ने की बात कही। इस अवसर पर संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।