अस्पताल की ओपीडी में बढ़ रही मरीजों की संख्या
कांकेर। जिला अस्पताल में इन दिनों मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में तो इजाफा हुआ है। साथ ही ओपीडी में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। विशेष रूप से मौसमी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक है। वहीं प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच मरीजों की संख्या में इजाफा चिंता का विषय है।
मौसम में आए बदलाव के बाद गर्मी ने दस्तक दे दी है। इसने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। तेज धूप के चलते अब दोपहर में सड़कें सूनी नजर आने लगी हैं और लोगों की आवाजाही भी कम हो गई है। धूप और गर्मी से बचने के लिए लोग उपाय कर रहे हैं, लेकिन इसके बीच ही मौसमी बीमारियां भी पैर पसारने लगी हैं। इसका सीधा असर बुजुर्गों और नौनिहालों की सेहत पर पड़ रहा है। गर्मी के प्रकोप के साथ ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। मार्च माह के शुआती पंद्रह दिनों में अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
जनवरी माह में जिला अस्पताल की ओपीडी में 5051 मरीज दर्ज हुए थे और रोजाना औसतन 163 मरीज रोजना अस्पताल पहुंच रहे थे। वहीं फरवरी में 5341 मरीज अस्पताल की ओपीडी में दर्ज हुए थे, जिसमें रोजना औसतन 190 मरीज जिला अस्पताल आ रहे थे। वहीं 1 मार्च से 15 मार्च तक अस्पताल की ओपीडी में 2743 मरीज दर्ज हुए हैं, जिसमें रोजना औसतन 282 मरीज जिला अस्पताल आ रहे हैं। जिसमें वायरल फीवर, सर्दी और अन्य बीमारियों के शिकार मरीज शामिल हैं। जिससे निजी और सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बढ़ने लगी है।
सरकारी अस्पताल की ओपीडी बढ़ने के कारण लोगों की लंबी लाइन दिखाई देने लगी है। अस्पताल में मौसमी बीमारी के मरीज बढ़ने के संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. आरसी ठाकुर ने बताया कि गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही ओपीडी में मरीजों की संख्या बड़ी है। इसमें अधिकांश मौसमी बीमारी के मरीज हैं। मौसम में हो रहे बदलाव के कारण भी लोग बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। बदलते मौसम में बच्चों व बुजुर्ग लोगों के लिए विशेष सावधानी रखनी चाहिए। धूप में बाहर निकलने से बचना चाहिए। तेज धूप में बाहर निकलना पड़े तो सिर, चेहरे व शरीर का अच्छी तरह ढंककर निकले। शरीर में पानी की कमी न होने दें।