जब शहर के तालाबों में बूंद भर नहीं होता पानी तब यह रहता है लबालब
बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम सीमा के भीतर दो दर्जन से अधिक तालाब हैं। समुचित रखरखाव के अभाव में अमूमन सभी तालाब मई के महीने में ही सूख जाते हैं। तब इन तालाबों में बूंद भर पानी रहता है। जून के आते-आते तालाब की मिट्टी फटने लगती है।
हाहाकार की स्थिति बन जाती है। ऐसे में सोनगंगा कालोनी स्थित पटेल तालाब लबालब भरा रहता है। सिद्धांशु मिश्रा की सोच और मेहनत रंग लाई। तेजी के साथ गिरते भूजल स्तर और आने वाले दिनों की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2015 में उन्होंने तालाब के संरक्षण की दिशा में काम करना शुरू किया।
मेहतन का ही प्रतिफल है कि जब शहर के तालाबों में बूंद भर पानी नहीं रहता कालोनी के इस तालाब में जल तरंगे उठते रहती है। सोनगंगा कालोनी में लंबोदर पटेल के कब्जे वाली तीन एकड़ जमीन में तब निस्तारी के लिए तालाब की खोदाई पटेल परिवार के सदस्यों ने कराई थी। निजी जमीन में तालाब होने के कारण कालोनीवासियों ने रखरखाव व संरक्षण को लेकर ध्यान नहीं दिया।
इसका परिणाम ये हुआ कि तालाब धीरे-धीरे पटने लगा। शहर के भीतर जिस तरह सरकारी और निजी जमीनों को कब्जा करने की कोशिशें हो रही थी उसे ध्यान में रखते हुए सिद्धांशु मिश्रा ने तालाब को सुरक्षित रखने की सोची। कालोनीवासियों से इस संंबंध में चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कालोनीवासियों को खंड और अल्पवृष्टि के कारण तेजी के साथ गिरते भूजल के कारण भविष्य में होने वाले जलसंकट की ओर आगाह भी किया था।
जब कालोनीवासियों ने ध्यान नहीं दिया तब खुद ही तालाब के संरक्षण को लेकर बीड़ा उठाया और अकेले ही इस दिशा में काम करने लगे। वर्ष 2015 में उन्होंने तालाब को बचाने और पानी से लबालब भरने का न केवल सपना देखा वरन मन ही मन संकल्प भी ले लिया। अपने संकल्प को अमलीजामा पहनाने की शुरुआत 15 मई 2015 से की। गर्मी का दिन था। तालाब पूरी तरह सूख चूका था।
रखरखाव के अभाव में तालाब पटने लगा था। तब उसने तालाब की खोदाई कराना शुरू किया। वर्ष 2015 फिर 2016 और आखिर में 2017 में गर्मी के दिनों में लगातार तीन वर्षों तक खोदाई कराई। सिद्धांशु की तीन साल की मेहनत रंग लाई। तालाब अपने मूल स्वरूप में लौट आया। वर्ष 2017 में जब बारिश हुई तब तालाब लबालब भर गया। उस दिन से आजतक तालाब का पानी गर्मी के दिनों में भी नहीं सूखता है। शहर के जब सारे तालाब सूख जाते हैं तब सोनगंगा कालोनी के इस तालाब में पानी भरा रहता है
घरों के हैंडपंप में पर्याप्त पानी
गर्मी के दिनों में अरपा नदी के किनारे सरकंडा, कुदुदंड, जूनाबिलासपुर, दयालबंद जैसे क्षेत्र के भूजल स्तर में गिरावट आ जाता है। घरों में लगे हैंडपंप का जल स्तर भी नीचे चला जाता है। पेयजल आपूर्ति के लिए नगर निगम द्वारा मोहल्लों में लगाए गए बोरवेल का हलक भी सूख जाता है।
जब चारांे तरफ पानी के लिए हाहाकार मचा रहता है तब सोनगंगा व आसपास के कालोनीवासियों के घरों में लगे हैंडपंप से लगातार पानी निकलते रहता है। जल संकट क्या होता है कालोनीवासियों को अब तक नहीं पता। तालाब में भरे पानी के कारण भूजल स्तर बराबर बना रहता है।