Whatsapp की नई प्राइवेसी पॉलिसी की विस्तृत जांच के आदेश, 60 दिनो में आएगी रिपोर्ट; लगाई जा सकती है रोक !
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने मेसेजिंग प्लेटफार्म वाट्सएप के अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी और सेवा शर्तो की विस्तृत जांच का आदेश दिया है। आयोग ने पाया है कि कंपनी ने पॉलिसी अपडेट के नाम पर ‘शोषणकारी और बहिष्कृत आचरण’ किया है जो प्रथम दृष्टया प्रतिस्पर्धा मानकों का उल्लंघन है। सीसीआइ ने ऐसे समय में जांच का आदेश दिया है जब विभिन्न क्षेत्रों से फेसबुक की स्वामित्व वाले प्लेटफार्म की अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर चिंता जताई गई है। सीसीआइ के महानिदेशक मामले की जांच करेंगे और 60 दिन के भीतर रिपोर्ट देंगे।
वाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि सीसीआइ के साथ बातचीत की जाएगी, कंपनी लोगों के व्यक्तिगत संवाद की एंड टू एंड एंक्रिप्शन और पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध है। सीसीआइ ने अपने आदेश में कहा है कि यूजर की अनैच्छिक सहमति के माध्यम से डाटा साझा करने की पूर्ण सीमा, गुंजाइश और प्रभाव का पता लगाने के लिए संपूर्ण और विस्तृत जांच की आवश्यकता है। आयोग ने कहा है कि वाट्सएप की पॉलिसी और शर्ते ऐसी हैं कि उसे स्वीकार करो या फिर प्लेटफार्म को ही छोड़ दो।
वाट्सएप की नई नीति पर लगाई जा सकती है रोक
इससे पहले वाट्सएप की नई निजता नीति के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया था। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिह की पीठ को बताया कि वाट्सएप को यह नई नीति लागू करने से रोका जाना चाहिए। केंद्र के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 20 अप्रैल के लिए तय की है।
हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि वाट्सएप नई निजता नीति लागू करने जा रहा है। इसके तहत उपभोक्ता को अपना डाटा साझा करने के लिए सहमति देनी होगी या फिर वाट्सएप से हटना होगा, क्योंकि इसमें डाटा साझा न करने का विकल्प चुनने का कोई प्रविधान नहीं है। ऐसे में वाट्सएप के करो़़डों उपभोक्ता की निजी जानकारी कहीं से लीक हो सकती है। हाई कोर्ट ने तीन फरवरी को केंद्र सरकार से याचिका पर जवाब मांगा था।