मंत्रालय से आदेश जारी, धमधा की बंद खदानों में शुरू होगा खनन
रायपुर। चार साल से बेरोजगारी की मार झेल रहे मजदूरों के लिए राहत भरी खबर है। दुर्ग जिले के धमधा ब्लाक की बंद 17 चूना पत्थर खदानों को शुरू करने महानदी भवन मंत्रालय से आदेश जारी हो गया है। अब खदानों में कामकाज शुरू होने से लगभग पांच हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
दुर्ग जिले के नंदिनी-खुंदिनी, पथरिया-सहगांव, मेड़ेसरा की 17 चूना पत्थर खदानों को प्रारंभ करने पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (एसईआइए) व राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति (एसईएसी) से नवंबर-2020 में पर्यावरणीय स्वीकृति मिली थी, लेकिन जिला प्रशासन ने चूना पत्थर की खदानों को लैप्स की सूची में डाल दिया था।
कोरोना काल में काम बंद होने से स्थानीय मजदूर घर चलाने को लेकर जद्दोजहद करते रहे। मुख्यमंत्री सहित जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन तक खदानों को खोलने लगातार आवेदन भी देते रहे। वहीं मेड़ेसरा में हुई जनसुनवाई में भी खदानों को खोलने ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई थी। इधर खदान संचालकों को गुरुवार को मंत्रालय से खदानों को लैप्स की सूची से हटाने संबंधी पत्र मिला।
बता दें कि मजदूरों की इस पीड़ा को नईदुनिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। रोजी-रोटी की आस, खदानें बंद होने से मजदूर निराश और पर्यावरण से मिली अनुमति, जल्द शुरू होंगे खदान शीर्षक से खबर प्रकाशन के बाद दुर्ग जिला प्रशासन ने मंत्रालय को लैप्स खदानों की सूची भेजी।
इसके बाद मंत्रालय में खनिज विभाग की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में मजदूरों की परेशानी को देखते हुए लैप्स खदानों को फिर शुरू करने का आदेश जारी किया गया। खनिज मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि खदानों को खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है। अब जिला प्रशासन से सिर्फ वर्क आर्डर लेना बाकी है।
छत्तीसगढ़ खनिज महासंघ के सदस्य संजय अग्रवाल ने बताया कि स्टेट पर्यावरण कमेटी से नवंबर-2020 में पर्यावरणीय स्वीकृति मिली है। खदानें लैप्स की सूची में डालने से बंद थी। अब खनिज मंत्रालय से खदानों को शुरू कराने संबंधी आदेश जारी हुआ है। खदान संचालक हरिशंकर कुंभकार कहा कि बंद खदानों के शुरू होने से मजदूरों को रोजगार मिलेगा।
खदानों में कामकाज शुरू होने से मजदूरों में उत्साह
नंदिनी-खुंदिनी के सरपंच वामन साहू ने बताया कि चार साल से खदानें बंद हैं। पांच हजार से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। खदानों को लैप्स की सूची से हटाया गया है, जिसके मुख्यमंत्री व राज्य शासन का आभार। गांव के स्थानीय मजदूरों को अब रोजगार के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
पथरिया-सहगांव के सरपंच चंद्रिका साहू ने बताया कि प्रदेश सरकार तक खदानों को खोलने कई बार आवेदन दिए थे। जनसुनवाई में भी खदानों को जल्द खोलने का आग्रह ग्रामीणों ने किया था। अब खदानों के खुलने का आदेश हुआ है, जिससे मजदूरों में उत्साह है।