किसान की आत्महत्या पर भाजपा-कांग्रेस में सियासी वार
रायपुर। तखतपुर के किसान छोटूराम केंवट की मौत को लेकर प्रदेश में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। सत्ता रूढ़ कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने घटना की अपने-अपने हिसाब से सियासी पोस्टमार्टम करने में जुट गए हैं।
भाजपा ने इसे प्रदेश सरकार की कलंक गाथा का एक और अध्याय बताया है। वहीं, कांग्रेस ने भाजपा को किसान विरोधी करार देते हुए जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस सरकार प्रदेश के लिए एक असहनीय बोझ बन गई: साय
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि इस प्रदेश सरकार के समूचे सिस्टम से लोग विशेषकर किसान इतने आजिज आ गए हैं कि वे आत्महत्या के लिए विवश हो रहे हैं। इसी सरकारी सिस्टम ने धान बेचने पहुंचे एक किसान को धान खरीदी केंद्र में ही आत्महत्या के लिए विवश किया था।
किसान छोटूराम की आत्महत्या प्रदेश सरकार के सिस्टम की वह काली सच्चाई है, जिसमें पटवारी के भ्रष्ट आचरण ने प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश के सियासी जुमलों के गुब्बारे की हवा निकाल दी है। साय ने कहा कि कांग्रेस की यह प्रदेश सरकार अपने झूठ, छलावों, धोखाधड़ी और वादाखिलाफी के चलते छत्तीसगढ़ के लिए एक असहनीय बोझ बन गई है।
हर मोर्चे पर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मों से छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने का काम किया है। अब इस सरकार को सत्ता में बने रहने कोई अधिकार नहीं रह गया है। साय ने किसान की आत्महत्या मामले की उच्च स्तरीय जांच, पीड़ित परिजनों को तत्काल 25 लाख रुपये की आर्थिक और उसके परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
भाजपा शासन में अपराधियों को मिलता था संरक्षण: कांग्रेस
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान को कांग्रेस प्रवक्ता ने जनता को गुमराह करने वाला बताया है। पार्टी प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि जो मामला सामने आया है उस पर दोषियों को उसी प्रकार कड़ी कार्रवाई और कानून का सामना करना पड़ेगा जैसे पूर्ववर्ती घटनाओं में करना पड़ा है।
तिवारी ने कहा कि पूर्ववर्ती रमन सरकार के समय अपराधियों को खुला संरक्षण भाजपा के कार्यालय से मिला करता था चाहे वह किसान आत्महत्या के दोषी हो या अन्य गंभीर मामलों में दोषी हो। रमन राज में सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली तो साय चुप्पी साधे रखते थे और अब जब केंद्र की मोदी सरकार के तीन काले कानूनों का विरोध करते दिल्ली में तीन सौ से अधिक किसानों की शहादत हुई तब भी साय चुप्पी साधे रखे हैं।
उन्होंने कहा कि तखतपुर मामले में पीड़ित परिवार को पच्चीस लाख नकद और सरकारी नौकरी देने की बात की है। तिवारी ने कहा कि साय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करें कि जिन तीन सौ से अधिक किसानों की शहादत हुई है उनके परिजनों को एक-एक करोड़ नकद और सरकारी नौकरी तत्काल केंद्र की भाजपा सरकार दे तो साय की किसानों के प्रति चिंता सही साबित होगी।