किसान नेता राकेश टिकैत को वाघेला का मिला साथ, दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे गुजरात
अहमदाबाद। भारतीय किसान यूनियन (Indian Farmer’s Union) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) रविवार को गुजरात (Gujarat) के अंबाजी दर्शन के साथ अपनी यात्रा का शुरूआत करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ( Shankar Singh Vaghela) के आमंत्रण पर टिकैत गुजरात में किसानों की आवाज को बुलंद करने के लिए किसान आंदोलन (Farmer Protest) के बाद पहली बार गुजरात आ रहे हैं। विविध राजनीतिक दल वह सामाजिक संगठनों में काम करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं गुजरात की राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी शंकर सिंह वाघेला एक बार फिर किसान आंदोलन के बहाने राजनीति में सक्रिय होते नजर आ रहे हैं।
गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं तथा हाल ही संपन्न स्थानीय निकाय चुनाव के बाद अब भाजपा कांग्रेस आम आदमी पार्टी एआईएमआईएम शहीद कई संगठनों में भी नूरा कुश्ती शुरू हो गई है। आक्रामक किसान नेता राकेश टिकैत की इस यात्रा को लेकर गुजरात प्रशासन के भी हाथ-पांव फूले हुए हैं। गत दिनों उनके साथी एवं किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस हिरासत में लिए जाने की घटना का संदेश अच्छा नहीं गया इसलिए पुलिस भी अंदर खाने टिकट की इस यात्रा को शांति पूर्वक ढंग से निपटाना चाहती है।
दो दिन के कार्यक्रम पर एक नजर
राकेश टिकैत रविवार सुबह अंबाजी मंदिर पर दर्शन करेंगे तथा इसके बाद पाटीदार समाज की कुलदेवी उमिया धाम दर्शन करने जाएंगे। पालनपुर में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सोमवार को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से अपने दूसरे दिन की यात्रा की शुरुआत करेंगे। इसके बाद करमसद सरदार पटेल स्मारक जाएंगे। वडोदरा तथा भरूच में गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद टिकट दक्षिण गुजरात के बारडोली पहुंचेंगे जहां आजादी से पहले किसान सत्याग्रह के माध्यम से सरदार पटेल ने अंग्रेज सरकार के नाक में दम कर दिया था। टिकट की इस यात्रा का आयोजन करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री वाघेला ही हैं वह लंबे समय से गुजरात की राजनीति तो प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।
वाघेला के निजी आवास पर करेंगे विश्राम
गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद वाघेला ने दो अलग राजनीतिक दल तथा एक सामाजिक संगठन खड़ा करने का प्रयास किया लेकिन वे विफल रहे। किसान मजदूर कर्मचारी महिलाएं तथा युवा किसी भी वर्ग को भी आकर्षित नहीं कर सके। दल बदल की उनकी नीति के कारण उनके कई साथियों ने भी उनका साथ नहीं दिया लेकिन इसके बावजूद वाघेला ने कभी भी समझौता करने का प्रयास नहीं किया हमेशा एक सजग नागरिक एवं जिम्मेदार नेता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत संभवत रात्रि विश्राम वाघेला के निजी आवास वसंत वगड़ो गांधीनगर में ही करेंगे।