कांग्रेस में फूटे लेटर बम पर संगठन में सन्नाटा
रायपुर। पाठ्य पुस्तक निगम (पापुनि) के पूर्व एमडी अशोक चतुर्वेदी को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का संचालक बनाए जाने को लेकर कांग्रेस में फूटे लेटर बम पर पार्टी संगठन सन्नाटे में है। संगठन का कोई भी नेता इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है। ज्यादातर नेता यह कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं कि सरकार से जुड़ा मामला है, इसलिए इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही कोई फैसला लेंगे। बघेल इस वक्त असम के चुनावी प्रवास पर हैं। रविवार को उनके रायपुर लौटने की उम्मीद है।
बात दें कि पूर्ववर्ती सरकार में पापुनि के एमडी रहे चतुर्वेदी पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। ईओडब्ल्यू में एफआइआर भी दर्ज है। इसके बावजूद सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक की जिम्मेदारी संभाल रहे चतुर्वेदी को मिशन संचालक की भी जिम्मेदारी दे दी गई है। सरकार के इस फैसले पर आपत्ति करते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस के ही आठ विधायकों ने सीधे पार्टी आला कमान सोनिया गांधी को पत्र लिखकर शिकायत की है।
इस मामले में प्रतिक्रिया के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम से संपर्क किया गया। काल रिसीव करने वाले मरकाम के सहायक ने पीसीसी अध्यक्ष की तबीयत ठीक नहीं है। इस वजह से बात नहीं हो पाएगी कहा। वहीं, संगठन के अन्य नेताओं ने कहा कि मामला सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष से जुड़ा है। इसकी जानकारी प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और मुख्यमंत्री को भी इस वजह से हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
चतुर्वेदी की नियुक्ति के खिलाफ सोनिया गांधी को पत्र लिखने वालों में संसदीय सचिव चंद्रदेव राय, पारसनाथ राजवाड़े, गुरुदयाल सिंह बंजारे, इंदरशाह मंडावी के साथ विधायक भुवनेश्वर बघेल, मोहित राम और डा. विनय जायसवाल शामिल हैं। सोनिया को पहला शिकायती पत्र धरसींवा सीट से विधायक अनिता शर्मा ने लिखा है। कांग्रेस के इन विधायकों ने पत्र में चतुर्वेदी पर भ्रष्टाचार के आरोप और उन पर दर्ज मुकदमों की जानकारी देते हुए सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है।
ज्यादातर नेता शिकायत करने वालों के साथ
कांग्रेस में फूटे लेटर बम पार्टी नेताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। ज्यादातर नेता शिकायत करने वालों के साथ हैं। हालांकि नेताओं ने यह भी कहा कि उन्हें सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष से शिकायत करने की बजाए पहले प्रदेश में सरकार और संगठन के स्तर पर बात करनी थी।