ब्रेकिंग
भाटापारा विधायक इन्द्र साव ने कांग्रेस की महालक्ष्मी नारी न्याय गारंटी का शुभारंभ किया थाना भाटापारा ग्रामीण पुलिस द्वारा भाटापारा क्षेत्र निवासरत एक बडे मोटरसाइकिल चोर गिरोह का किया गया पर्दाफाश मोटरसाइकिल चोर गिरोह के एक अपचारी बालक स... भाजपा सांसद सक्रिय होता तो क्षेत्र की इतनी दुर्दशा नही होती:-विकास उपाध्याय क्षेत्र की जनता ने जिस प्रकार विधानसभा में कांग्रेस को जिताया है,उसी प्रका... भाजपा सांसद सक्रिय होता तो क्षेत्र की इतनी दुर्दशा नही होती:_विकास उपाध्याय। क्षेत्र की जनता ने जिस प्रकार विधानसभा में कांग्रेस को भारी मतों से जिता... रायपुर के कांग्रेस भवन में भाटापारा विधायक इन्द्र साव का जन्मदिवस मनाया गया लोकसभा चुनाव से पहले बढ़ी कांग्रेस की मुश्किलें, महादेव एप में छत्‍तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज सतगुरू कबीर संत समागम समारोह दामाखेड़ा पहुंच कर विधायक इन्द्र साव ने लिया आशीर्वाद विधायक इन्द्र साव ने विधायक मद से लाखों के सी.सी. रोड निर्माण कार्य का किया भूमिपूजन भाटापारा में बड़ी कार्यवाही 16 बदमाशों को गिरफ़्तार किया गया है, जिसमें से 04 स्थायी वारंटी, 03 गिरफ़्तारी वारंट के साथ अवैध रूप से शराब बिक्री करने व... अवैध शराब बिक्री को लेकर विधायक ने किया नेशनल हाईवे में चक्काजाम अधिकारीयो के आश्वासन पर चक्का जाम स्थगित करीबन 1 घंटा नेशनल हाईवे रहा बाधित।

मंत्रालय के बाद मंत्री के बंगले में अटकी आरटीई भ्रष्टाचार की फाइल

रायपुर: शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के 76 लाख घोटाले के मामले में मंत्रालय के अफसरों के बाद अब विभागीय मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के बंगले में फाइल दबा कर रखी गई है। जिस मामले में तीन-तीन जांच के बाद पूर्व डीईओ को दोषी करार दिया जा चुका है, उस पर कार्रवाई करने से मंत्री और विभागीय अफसरों के हाथ कांप रहे हैं, जबकि प्रारंभिक पड़ताल में ही पता चला है कि 76 लाख 50 हजार स्र्पये निजी स्कूलों के नाम पर निजी व संदिग्ध खातों में भेजा गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्री बंगले के एक निज सचिव ने मामले में लीपापोती करने की कोशिश शुरू कर दी है। हालांकि पूरी जांच के बाद ही मामले में कौन-कौन शामिल है, इसका पता लगाया जा सकता है। अभी भी संदिग्ध खातों में रकम: जानकारी के मुताबिक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के खाते में केवल 10 लाख स्र्पये ही वापस किए गए हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग ने अभी तक यह पता लगाने की कोशिश नहीं की है कि आखिर जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई थी, उन खातेदारों और रकम भेजने वाले अधिकारी बाकी रकम अभी भी संदिग्ध खातेदारों के पास हैं। इन खातेदारों से अभी तक विभाग ने कोई पूछताछ नहीं की है। जिन लोगों के खाते में रकम भेजी गई थी, उनमें सात साल से बंद सृष्टि पब्लिक स्कूल के नाम पर उपेंद्र चंद्राकर को 21 लाख 38 हजार 367, सरस्वती शिशु मंदिर बेलदारसिवनी के नाम पर चंद्रिका अनंत के खाते में 9 लाख 80 हजार 578 स्र्पये रकम जारी हुई थी।

बाकी खातेदारों में ब्रृजेश कुमार पटेल, चंद्रकिशोर देवांगन, नीलेश्वर के नाम शामिल हैं। डीईओ कार्यालय के सहायक संचालक और बाबू से पूछताछ में पता चला है कि इस पूरे मामले में पूर्व डीईओ जीआर चंद्राकर ने आरटीई का कार्यभार संभाल रहे सेक्शन अधिकारी और बाबू से बगैर कोई नोटशीट के ही भुगतान कराया था। 28 जनवरी 2021 को डीईओ के खाते मं 77 लाख 97 हजार 55 स्र्पये थे। मामले में 29 जनवरी को 76 लाख 42 हजार 203 स्र्पये आठ निजी स्कूलों के नाम पर भेज दिया गया।

‘मामले में प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया रोकी नहीं है, जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।’

– डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, मंत्री, स्कूल शिक्षा, छत्तीसगढ़