बैरागढ़ में सिंधी समुदाय ने सादगीपूर्वक मनाई संत कंवरराम जयंती
भोपाल। महान संत अमर शहीद कंवरराम साहब की 136वीं जयंती पर बैरागढ़ में सिंधी समाज ने उनका स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। पूज्य सिंधी पंचायत की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष साबू रीझवानी ने कहा कि संत कंवर राम साहब को ईश्वरीय शक्ति प्राप्त थी। वह ईश्वर के नजदीक थे, इसलिए एक मृत बालक को भी जीवित कर दिया था।
पंचायत ने कोरोना संकट के कारण इस बार संत कंवरराम साहब का जन्मोत्सव सादगी से मनाया। संत हिरदाराम नगर में शिव मंदिर के पास स्थित प्रतिमा स्थल पर सीमित लोगों की मौजूदगी में सादगी से माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष साबू रीझवानी ने कहा कि संत कंवरराम की सादगी और मधुर आवाज की तारीफ़ पूरी दुनिया करती है वह ईश्वर के बेहद नजदीक थे। उनके भजनों में ईश्वर के प्रति स्नेह का संदेश मिलता था। सिंधी गायकी में उनका कोई मुकाबला नहीं था। भक्ति गायन के दौरान वे ईश्वर के साथ तार जोड़ लेते थे, इसी कारण कहा जाता था कि उन्हें ईश्वरिय शक्ति प्राप्त है।
मृत बालक को जीवित कर दिया था
पंचायत के महासचिव माधु चांदवानी ने बताया कि संत कंवरराम साहब ने एक बार मृत बालक को जीवित कर दिया था। भक्ति गायन के दौरान एक माता अपने मृत बालक को लेकर पहुंची और कहा कि इसको आशीर्वाद दीजिए। संतजी ने भक्ति गायन करते हुए बालक के सिर पर हाथ रखा। उन्हें महसूस हो गया कि बालक प्राण नहीं है, उन्होंने लगातार भक्ति गायन जारी रखा और गायन के माध्यम से ईश्वर से अरदास की। आखिरकार ईश्वर ने उनकी पुकार सुनी और पालक जीवित हो उठा। संत कंवरराम साहब की बैरागढ़ में सबसे बड़ी प्रतिमा लगी है। इस प्रतिमा स्थल पर हर साल बड़ा आयोजन होता है। इस बार कोरोना संकट के कारण सादे समारोह में संतजी को याद किया गया।