मुंबई से छूटने वाली ट्रेनों का बुरा हाल, न रिजर्वेशन और न हो रही जांच
बिलासपुर। मुंबई से छूटने वाली ट्रेनों का बुरा हाल है। घर वापसी करने वाले श्रमिक व यात्री बिना रिजर्वेशन और टिकट के जिस कोच में जगह मिल जा रही है उसमें चढ़ जा रहे हैं। मुंबई-हावड़ा गीतांजलि स्पेशल व मुंबई-हावड़ा मेल स्पेशल ट्रेन की हालत इतनी बदतर है कि यात्री बर्थ के बीच खाली जगह और शौचालय के सामने बैठकर और सोकर मंजिल तक पहुंच रहे हैं।
कोच की स्थिति देखकर टीटीई भी टिकट जांच करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है, क्योंकि अधिकांश यात्रियों की कोरोना जांच तक नहीं हो रही है। यदि इस भीड़ में पहुंचते हैं और किसी भी संक्रमित के संपर्क में आते हैं तो इससे संक्रमण का खतरा हो सकता है।
मुंबई में किसी भी वक्त लाकडाउन का एलान हो सकता है। इससे कमाने-खाने दूसरे राज्यों से गए श्रमिक सहमे हुए हैं और घर लौटने में समझदारी मान रहे हैं। आम यात्री भी किसी तरह वापसी करना चाह रहे हैं। यही वजह है कि मुंबई के सभी स्टेशनों में इतनी भीड़ हो गई है कि वहां न कोरोना जांच हो रही है और टिकट की जांच रहे हैं।
ऐसी स्थिति में श्रमिक हो या अन्य यात्री जिन्हें स्टेशन में जो भी ट्रेन की सुविधा मिल रही है उसी में सवार हो रहे हैं। यही वजह है कि ट्रेनों में पैर तक रखने की जगह नहीं है। मुंबई से छूटने वाली कई प्रमुख ट्रेनें बिलासपुर होकर गुजरती हैं। इनमें यह नजारा रोज देखने को मिल रहा है। गुरुवार की रात एक बजे पहुंची गीतांजलि स्पेशल ट्रेन के स्लीपर कोच का नजारा बेहद चौंकाने वाला था।
एक- एक बर्थ में दो से तीन यात्री थे। इसके अलावा बर्थ के बीच की खाली जगहों पर यात्री बैठे व सोते हुए नजर आए। दो गज दूरी के नियमों की इस कदर धज्जियां उड़ रही थीं कि जिसने यह नजारा देखा वह हैरान रह गया। शौचालय के पास भी यात्री सोए हुए नजर आए। यात्री घर वापस लौटने के लिए जिंदगी दाव पर लगा रहे हैं। पर प्रशासन या रेलवे के पास इतनी फुर्सत नहीं कि संक्रमण फैलाने वाली इस अव्यवस्था पर लगाम कस सकें।
मास्क न दो गज दूरी का पालन
गीतांजलि एक्सप्रेस व मेल दोनों में सफर करने वाले ज्यादातर यात्री न मास्क लगाए थे और न दो गज दूरी का पालन करते नजर आए। सबसे बदतर स्थिति जनरल व स्लीपर कोच की थी। उनमें गेट की सीढ़ियों पर भी बैठकर यात्री सफर कर रहे थे। इस अव्यवस्था की वजह से संक्रमण और तेजी से फैल सकता है।
बिलासपुर से चढ़ने वाले यात्री परेशान
मुंबई से आने वाली ट्रेनों में बिलासपुर से भी यात्री चढ़ने वाले थे। स्थिति देखकर यात्री हैरान रह गए। कई कोच में दूसरे के आरक्षित बर्थ में यात्रियों ने कब्जा किया हुआ था। कुछ यात्री ऐसे भी थे जिन्होंने हालात देखकर सफर न करने में ही भलाई समझी। हालांकि उन्होंने इस जानकारी रेलवे को इसलिए नहीं दी, क्योंकि रिफंड तो मिलना मुश्किल था। पर ज्यादातर यात्रियों ने इसी अव्यवस्था के बीच सफर की शुरुआत की।