कब पड़ जाए आवश्यकता, आइसोलेशन कोच का परीक्षण
बिलासपुर। हालात बिगड़ चुके हैं। शहर के शासकीय व निजी अस्पतालों में संक्रमितों को भर्ती करने के लिए बेड नहीं है। इस स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि कभी भी रेलवे द्वारा बनाए गए गए 56 कोच के आइसोलेशन वार्ड की आवश्यकता पड़ सकती है। यही वजह है कि रेलवे ने तैयारियां शुरू कर दी है। पहले चरण में उसलापुर में खड़ी 20 कोच की रैक को परीक्षण के लिए कोचिंग डिपो लाई गई है। साफ- सफाई से लेकर बेड को तैयार किया जा रहा है।
पिछले साल कोरोना की दस्तक के साथ ही स्थिति भयावह होने लगी थी। जिसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए थे। यह अपातकालीन स्थिति की व्यवस्था थी। इसे गंभीरता से लेते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन ने भी तीनों रेल मंडल बिलासपुर, रायपुर व नागपुर रेल मंडल को इस संबंध में निर्देश दिए।
जोन से दिशा-निर्देश मिलते ही बिलासपुर रेल मंडल कोच को सुधारने का प्रारंभ कर दिया। मंडल को 56 कोच को वार्ड के रूप में तब्दील करने के लिए कहा था। इसके बाद अमला दिन-रात एककर तैयारी में जुट गया। बहुत कम समय में आइसोलेशन कोच को तैयार भी कर लिया गया है। तैयारी पूरी करने के बाद भी इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी और कोच खड़े रह गए। इसके बाद स्थिति सामान्य हो गई। पर कोरोना की दूसरी लहर बेहद खतरनाक हो चुकी है।
स्थिति बेहद चिंताजनक है। भर्ती करने के लिए आइसोलेशन वार्ड नहीं मिल रहा है। इसे देखते हुए लगातार रेलवे के कोच की मांग उठ रही है। जनप्रतिनिधि से लेकर आम जनता इसे भी उपयोग में लाने के लिए दबाव डाल रहे हंै। इसे देखते हुए रेलवे मान रही है कि कभी राज्य सरकार से इसकी मांग की जा सकती है। इसीलिए कोच को सुधारा जा रहा है।
रैक सालभर से खड़ी होने के कारण माना जा रहा है कि कई तरह की दिक्कत होगी। परीक्षण के बाद इसे यार्ड में रख दिया जाएगा। इसके बाद दूसरे कोच को लगाकर उनका परीक्षण किया जाएगा। डिपो के मैकेनिकल विभाग को इस संबंध में निर्देश दिए जा चुके हैं।
जहां एंबुलेंस पहुंचने की सुविधा वहां रखेंगे
राज्य सरकार की मांग के अनुसार रेलवे ने इस आइसोलेशन कोच को उपलब्ध कराएगी। इस दौरान यह भी देखा जाएगा कि जहां इसका उपयोग होना है उस स्टेशन में प्लेटफार्म के साथ-साथ चार्जिंग और सबसे महत्वपूर्ण एंबुलेंस पहुंचने की व्यवस्था है। मरीजों को एंबुलेंस से लाएंगे। कोच में कर्मचारियों की व्यवस्था करने की जवाबदारी स्वास्थ्य विभाग की होगी।