स्कूल बंद करने का स्पष्ट आदेश जारी न होने से असमंजस में प्राचार्य
भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग ने पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों में 13 जून तक ग्रीष्मावकाश घोषित किया है। साथ ही प्राथमिक व मिडिल स्कूलों के शिक्षकों के लिए भी 9 जून तक ग्रीष्मावकाश दिया है। इसके बावजूद राजधानी भोपाल के 100 से अधिक शिक्षकों को कोरोना में ड्यूटी लगाई हैं। वहीं एक शाला एक परिसर के तहत समायोजित स्कूलों के शिक्षकों को प्राचार्य ग्रीष्मावकाश नहीं दे रहे हैं। वहीं नौवीं से बारहवीं के स्कूलों को बंद करने को लेकर विभाग ने कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किए हैं। ऐसे में हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी के प्राचार्य असमंजस में हैं कि शिक्षकों को स्कूल बुलाया जाए या नहीं। वहीं स्कूलों 17 अप्रैल से 20 मई तक दसवीं व बारहवीं की प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित की जा रही है। जिसके लिए स्कूलों के प्रयोगशालाओं को तैयार भी करना है।
शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग
वहीं, शिक्षक संगठन शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित किए जाने की मांग कर रहे हैं। मप्र शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय प्रवक्ता सुभाष सक्सेना, शासकीय अध्यापक संगठन के प्रदेश संयोजक उपेंद्र कौशल ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से जिले के 100 से अधिक शिक्षकों को कोरोना आपदा सेंटर में ड्यूटी लगाई गई है। इसमें शिक्षकों को कोरोना संदिग्धों की पहचान व उनकी जानकारी जुटाना, संदिग्धों का कोरोना परीक्षण एवं वैक्सीनेशन, होम आइसोलेशन आदि कार्य पूरा करना है। साथ ही कोरोना टीकाकरण जागरूकता कार्यक्रम में उन्हें लगाया गया है। वहीं जिले के करीब 60 शिक्षक कोरोना पॉजिटिव हैं। इसके बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग न तो शिक्षकों को कोरोना योद्धा मान रही है और ना ही फ्रंटलाइन कर्मचारी मानकर 45 वर्ष से कम उम्र के शिक्षकों को टीका लगवा रही है। इससे शिक्षकों में निराशा व्याप्त हो रही है।