ऑक्सीजन सप्लाई लाइन, वेंटिलेंटर होने पर ही बनेगा बैरागढ़ सिविल अस्पताल में कोविड सेंटर
भोपाल। बैरागढ़ सिविल अस्पताल में न तो ऑक्सीजन लाइन है, न वेंटिलेटर और न ही सीटी स्कैन मशीन। इसके अलावा प्रशिक्षित अमले की भी कमी है। ऐसे में अस्पताल को कोविड केयर सेंटर बनाने का मामला खटाई में पड़ सकता है।
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा और कलेक्टर अविनाश लवानिया ने अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान अस्पताल के अधीक्षक डॉ. ज्ञानेंद्र अर्गल ने चर्चा में साफ कहा कि वर्तमान परस्थितियों में अस्पताल को कोविड केयर सेंटर बनाना बहुत मुश्किल होगा। जरूरी सुविधाओं के अभाव में कोरोना पीड़ितों को भर्ती करना उनकी जान से खिलवाड़ करना होगा। अस्पताल में साधारण मरीजों के लिए ही पर्याप्त अमला नहीं है। डॉक्टरों की कमी है। एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। मंत्री, विधायक और कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से चर्चा के बाद कोविड केयर सेंटर बनाने के बारे में निर्णय लेने की बात कही।
विधायक ने कहा, पहले व्यवस्था की जाए
विधायक रामेश्वर शर्मा ने नवदुनिया से चर्चा में कहा कि बैरागढ़ के कुछ भाजपा नेताओं और संगठनों की मांग पर मैंने अस्पताल में कोविड केयर सेंटर बनाने की पहल की है। यह सही है कि वर्तमान परस्थितियों में अस्पताल को तत्काल कोविड सेंटर नहीं बनाया जा सकता। मैंने मंत्री एवं कलेक्टर से ऑक्सीजन, वेंटिलेटर एवं सीटी स्कैन मशीन की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। यदि प्रशासन इसकी व्यवस्था कर देता है तो सामाजिक संगठनों के सहयोग से कोविड वार्ड बनाया जा सकता है।
दो साल से है चिकित्सकों की कमी
सिविल अस्पताल में दो साल से चिकित्सकों की कमी है। हाल ही में नव पदस्थ चिकित्सकों को जेपी अस्पताल में तैनात कर दिया गया, जबकि बैरागढ़ में सर्वाधिक जरूरत है। अस्पताल प्रबंधन कोरोना काल से पहले ही डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की संख्या बढ़ाने की मांग करता आ रहा है। वर्तमान में मरीजों की संख्या तो बढ़ती जा रही है, लेकिन उस मान से स्टाफ नहीं है। कई बार स्वाब सैंपल चपरासी ले लेते हैं। भाजपा नेता सुशील वासवानी एवं बसंत चेलानी ने भी सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है।