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जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 20 की मौत, अन्य अस्पतालों का भी बुरा हाल

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली से बुरी खबर आ रही है। दिल्ली के नामी अस्पताल में जयपुर गोल्डन में फिलहाल एक से डेढ़ घंटे की ही ऑक्सीजन बची है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, यहां पर 200 से ज्यादा कोरोना पीड़ित भर्ती हैं। हमने ऑक्सीजन की कमी के चलते 20 लोगों को खो दिया है। ऑक्सजीन की कमी के चलते 20 मरीजों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि यहां पर भर्ती अन्य मरीजों की जान आफत में है, क्योंकि ऑक्सीजन लगातार कम हो रही है।

इधर, दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में शनिवार को भी ऑक्सीजन खत्म होने या फिर खत्म होने की कगार जैसी खबरें लगातार सामने आ रही हैं। जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुबातिक, राजधानी के नामी गंगा राम अस्पताल में एक घंटे से कम समय के लिए ऑक्सीजन बची है।

वहीं, बतरा अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर एचपीएल गुप्ता ने बताया है कि हमें 500 लीटर ऑक्सीजन ही दी गई है, जबकि हमारी मांग 8000 लीटर रोजाना है। अस्पताल में फिलहाल 350 कोरोना के मरीज भर्ती हैं। उधर,

वहीं, अप्रत्यक्ष तौर पर ही सही, लेकिन दिल्ली सरकार भी यह मान रही है कि कुछ अस्पताल आक्सीजन के आंकड़ों को लेकर गड़बड़ी कर रहे हैं। यही वजह है कि अपनी नियुक्ति के एक दिन बाद ही स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्याधिकारी आशीष चंद्र वर्मा ने शुक्रवार को राजधानी के सभी अस्पतालों को उपलब्ध आक्सीजन क्षमता का डाटा तैयार करने को कहा है। इतना ही नहीं उन्हें यह भी बताने को कहा गया है कि अस्पताल में कितने आक्सीजन सिलेंडर मौजूद हैं।

अस्पतालों को यह डाटा दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को देना होगा। प्रत्येक अस्पताल को आक्सीजन का प्रतिदिन का कोटा निर्धारित किया गया है। इस कोटे की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से आक्सीजन के अनधिकृत उपयोग पर लगाम लगेगी। स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्याधिकारी ने अपने आदेश में कहा कि उन्हें इस प्रकार की सूचना मिली है कि कुछ अस्पताल भारत सरकार की गाइडलाइन में आवंटित क्षमता से अधिक आक्सीजन का उपयोग कर रहे हैं। सभी अस्पताल आक्सीजन खपत की तुरंत आडिट करें। आवंटित क्षमता की आक्सीजन का ही उपयोग करें और अत्यधिक खपत पर कंट्रोल करें।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक अस्पताल एक वरिष्ठ अधिकारी को आक्सीजन खपत के संबंध में आफिसर इंचार्ज नियुक्त करें। यह अधिकारी अस्पताल की आक्सीजन खपत को लेकर सभी मामलों में जवाबदेह होंगे। इतना ही नहीं यह अधिकारी आपातकालीन परिस्थिति में दिल्ली सरकार से आक्सीजन डिमांड कर सकेंगे।

दिल्ली सरकार किसी भी असाधारण परिस्थिति के लिए आक्सीजन का स्टाक रखेगी। अगर किसी अस्पताल में तीन घंटे से कम समय के लिए ही आक्सीजन बची है तो वे इस स्टाक से आक्सीजन की मांग कर सकेंगे। इससे आपातकालीन सेवा बाधित नहीं होगी। हालांकि यह मांग अस्पताल द्वारा नियुक्त आफिसर इंचार्ज ही करेंगे। सभी आक्सीजन आपूतिकर्ताओं और वेंडर से प्रतिदिन आक्सीजन आपूर्ति का डाटा दिल्ली सरकार को भेजने कहा गया है।