अप्रैल में 40 प्रतिशत यात्रियों ने निरस्त करवाए टिकट
इंदौर। कोरोना के बढ़ते मामलों का पयर्टन उद्योग पर खासा असर पड़ा है। ट्रेनों के साथ-साथ लोग हवाई जहाज के टिकट भी निरस्त करवा रहे हैं। अप्रैल में अब तक 40 प्रतिशत यात्रियों ने अपने टिकट रद करवा लिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले साल कोरोना के मामले बढ़ने पर जब देशभर में लाकडाउन लगाया गया था। तब घरेलू उड़ान सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी। तब सरकार ने एयरलाइंस को आदेश दिया था कि वे यात्रियों को क्रेडिट वाउचर बना दें या रिफंड कर दें, लेकिन इस बार कोरोना की दूसरी लहर आने पर सरकार ने रेल और हवाई जहाज पर रोक नहीं लगाई है। जिससे यह सेवाएं तो जारी है। कोरोना के डर से यात्री सफर नहीं कर रहे है। ट्रेवल एजेंटों के अनुसार यात्री कम होने से एयरलाइंस अपनी उड़ानें निरस्त कर रही है। इसके अलावा लोग भी यात्रा करने से डर रहे हैं और अपने टिकट रद करवा रहे हैं।
दिल्ली-मुंबई के सबसे अधिक निरस्त
एजेंट ने बताया कि सबसे अधिक दिल्ली और मुंबई की उड़ानों के यात्रियों ने अपने टिकट रद करवा लिए हैं। यहां पर कोरोना के मामले अधिक होने से यात्री यहां पर नहीं जा रहे है। इसके अलावा दिल्ली जाने के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी होने और मुंबई से इंदौर आने वाले मरीजों के लिए आरटीसीपीआर जरूरी हो गया है। इसलिए भी यात्री कम हो रहे हैं। इसी कारण उड़ान कंपनी भी दो शहरों के बीच अपनी फ्रिक्वेंसी कम कर रही है। जिससे इंदौर की कई शहरों से फ्रिक्वेंसी टूट गई हैं।