माह-ए-रमजान का दूसरा जुमा, घर पर ही पढ़ी नमाज
रायपुर। कोरोना महामारी के दौर में इस बार भी माह-ए-रमजान के रोजे रखे जा रहे हैं। घरों में इबादतों का दौर जारी है। लॉकडाउन में रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। रमजान के दूसरे जुमा पर रोजेदारों ने घर में ही नमाज अता की। रोजेदारों ने खुदा की इबादत करके संपूर्ण विश्व से महामारी खत्म होने की दुआ मांगी।
शहर ए काजी मौलाना मोहम्मद अली फारूकी ने समाज के लोगों से अपील की है कि वे हालात को देखते हुए घर से बाहर न निकलें। खुदा की इबादत के लिए निभाई जाने वाली रस्मों को अपने घर पर ही रहकर निभाएं। खुद की और अपने परिवार वालों की हिफाजत के साथ देश के कल्याण की दुआ मांगें।
शासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करें। यदि स्वस्थ हों तो रोजा अवश्य रखें, रमजान के महीने में रोजा रखने से संकल्प शक्ति बढ़ती है और अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। रहमतों का दरवाजा खुल जाता है। रोजा स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। बाजार बंद होने से रमजान में खजूर, सेब, केला, चना, हरी सब्जियां आदि नहीं मिल रही है। इसलिए घर पर ही इफ्तार के दौरान ऐसा भोजन करें जो शरीर के लिए लाभदायी हो।
लॉकडाउन खुल जाए तो भी दूरी बनाकर रखें
शहर काजी ने कहा कि लॉकडाउन हट जाने के बाद भी कोरोना गाइडलाइन का पालन आगे करते रहें। इसका मतलब यह नहीं है कि घूमने की आजादी मिल जाएगी। यदि लॉकडाउन खुल भी जाता है तो भी अपने को भीड़भाड़ से बचाएं। पूरे रमजान महीने के दौरान लोगों से दूरी बनाए रखें। बेवजह घर से न निकलें। अपना काम निपटाकर घर लौट जाएं।