दिनभर रही ऑक्सीजन की किल्लत, प्रशासन का दावा देर शाम मिली 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
भोपाल। राजधानी में दिनभर ऑक्सीजन का संकट गहराया रहा। कहीं ऑक्सीजन युक्त बिस्तर उपलब्ध नहीं हो पाए तो किसी अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पाई। राजधानी के आयुष्मान हाईटेक अस्पताल में 32 बिस्तर है। इसमें से 25 बिस्तरों में ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम पर मरीज भर्ती है। इसके बावजूद इस अस्पताल के कर्मचारी जितेंद्र पांडे ने बताया कि वह दिनभर भारती एयर प्रॉडक्ट ऑक्सीजन प्लांट में खडा रहा लेकिन उसे देर रात तक ऑक्सीजन नहीं मिल पाई। इसी तरह जेके अस्पताल में भी ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। इधर, रविवार को शहर में कुल 40 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन आई। देर शाम 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आने के बाद सबसे पहले सभी प्लांट में इसे बंटवाया गया। वहीं 20 मीट्रिक टन देर रात को पहुंची है। इस तरह 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन शहर में आने से ऑक्सीजन की किल्ल का दबाव कम हो गया है। अब सोमवार से सभी प्लांट और डीलरों के पास ऑक्सीजन उपलब्ध होगी। शहर में ऑक्सीजन का प्रभार संभाल रहे वरिष्ठ आईएएस वरदमूर्ति मिश्रा ने बताया कि उडीसा के राउरकेला से 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आ चुकी है। वहीं 40 मीट्रिक टन झारखंड से आने वाली है। इसके लिए वायुयान के जरिए टैंकर भेज दिए गए है। दो दिन में यह 40 मीट्रिक टन का स्टॉक भी आ जाएगा। इसके बाद शहर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी, अगर इसी तरह रोटेशन में ऑक्सीजन मिलती जाए तो।
अब इंजीनियरों के भरोसे ऑक्सीजन की डोर
इधर, कोरोना संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों को अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया। जिसके तहत ऑक्सीजन सप्लाई सेंटर्स पर निगरानी करने को निगम इंजीनियरों की तीन शिफ्टों में 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। इन्हें ऑक्सीजन सप्लाई सेंटर्स से अस्पतालों में जाने वाली ऑक्सीजन की मानीटरिंग करनी है। वहीं सप्लाई सेंटर, अस्पतालों और जिला ऑक्सीजन टाक्स फोर्स के बीच तालमेल बनाने की जिम्मेदारी भी दी गई है। इसके अलावा ऑक्सीजन सप्लाई सेंटर्स पर उपलब्ध ऑक्सीजन की मात्रा (अन्वेंट्री) की जानकारी जिला ऑक्सीजन कंट्रोल रूम को देना है।
निगम आयुक्त ने लिया ऑक्सीजन प्लांट का जायजा
नगर निगम आयुक्त वीएस चौधरी ने रविवार को गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित भारती एयर प्रोडक्टर प्लांट नंबर एक सेक्टर-एच, स्टैंडर्स कार्बोनिक्स, चिरायु एयर प्रोडेक्ट और आईनॉक्स एयर प्रोडेक्ट का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया और अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता की जानकारी ली तथा वितरण संबंधी कार्रवाई को व्यवस्थित ढंग से सुनिश्चित करने और ऑक्सीजन वितरण का संपूर्ण लेखा-जोखा भी रखने के निर्देश दिए। इन ऑक्सीजन वितरण केंद्रों पर सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस बल भी तैनात किया गया है।