मेरी बर्बादी की वजह पार्लियामेंट की स्पीच,वोट के खातिर टूटते हैं रिश्ते
रामपुर: रामपुर में बोले आजम खानअभी तक लोगों में यह चर्चा थी की आजम खान का विधानसभा से पार्लियामेंट में जाना विपक्षियों को खटक गया। अब इस पर खुद आजम खान ने मुहर लगाई है। आजम खान अपनी बर्बादी की वजह पार्लियामेंट में दी गई पहली स्पीच को मानते हैं। जौहर यूनिवर्सिटी के सामने राष्ट्रपति भवन शायद अच्छा न लगे।देश की दूसरी बड़ी आबादी के साथ रवैया तकलीफदेहआजम खान ने अपने पार्लियामेंट में दिए बयान के तहत कहा था कि इस देश की दूसरी बड़ी आबादी के साथ जो रवैया है, वह यकीनन तकलीफदेह है।यूनिवर्सिटी के आगे राष्ट्रपति भवन शायद अच्छा ना लगेआजम खान ने सदन में कहा था कि वह एक ऐसी यूनिवर्सिटी के फाउंडर हैं और उनका दावा है कि जौहर यूनिवर्सिटी एशिया की सबसे खूबसूरत यूनिवर्सिटी है और मुमकिन है कि यूनिवर्सिटी के मेडीकल कॉलेज के आगे राष्ट्रपति भवन शायद अच्छा ना लगे। हाथ और दामन फैलाकर उन्होंने इसे बनाया है।मजदूरों के बच्चों को सिर्फ बीस रुपए फीस लेकर पढ़ाता हूंबच्चों के चार स्कूल चलते हैं जिनमें तीन सौ साढ़े तीन सौ रुपए फीस लेता हूं और जिन बच्चों के मां-बाप नहीं है, गरीब हैं उन्हें फ्री पढ़ाता हूं। मजदूरों के बच्चों से सिर्फ बीस रुपए फीस लेता हूं।सुई बराबर भी दाग मिला तो सदन छोड़कर चला जाऊंगाआजम खान ने पार्लियामेंट में अपनी पहली स्पीच में कहा था कि सुई की नोक के बराबर भी उनके दामन पर भ्रष्टाचार, रिश्वत का दाग हो या उनकी सरकारी कलम से किसी का भी कोई नुकसान हुआ हो या भ्रष्टाचार या कोई काली कमाई हो तो वह इसी वक्त सदन को छोड़कर जाने को तैयार हैं।मेरी बात ध्यान से सुनने पर आपको शर्मिंदगी होगीआजम खान ने कहा था कि सदन में उठने वाली आवाजों को से भी मैं कहना चाहता हूं कि 1947 में हमें हर पाकिस्तान जाने का हक था, आपको नहीं था। जो अपनी मर्जी से रुके थे यहां उनसे आज सदन में यह कहा गया कि जो वंदे मातरम नहीं कहेगा, उसे भारत में रहने का अधिकार नहीं है। सदन में विरोध करने वाले लोगों से आजम खान ने कहा था कि मेरी बात ध्यान से सुन ले हो सकता है आपको शर्मिंदगी हो। कहा कि वंदे मातरम की बहस नहीं है और देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक किसी को वंदे मातरम कहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, कानून यह भी है।वोट की खातिर इंसानियत के सारे रिश्ते टूटते हैंहम आज भी हिंदुस्तान में मेल मोहब्बत से रहते हैं, लेकिन जब हम चुनी हुई संस्थाओं में आते हैं, वोट देने जैसी चीज हमारा मुकद्दर बन जाती है, तब इंसानियत के सारे रिश्ते टूट जाते हैं। आजम खान ने सदन में कहा था कि संविधान सबको मानना पड़ेगा। रामपुर में उर्दू गेट गिराए जाने, स्कूलों पर प्रशासनिक कार्यवाही को असंवैधानिक बताया, जिस पर सदन में भारी विरोध झेलना पड़ा था।