ब्रेकिंग
प्रभु जगन्नाथ जी को भोग लगाकर क्षेत्रीय विधायक इन्द्र साव ने माता कर्मा प्रसाद वितरण प्रारंभ किया विधायक इन्द्र साव की पहल पर नगर पालिका में दो करोड़ की विकास कार्य स्वीकृत नगरीय निकाय मंत्री अरूण साव का आभार व्यक्त किया नरेन्द्र मोदी व बीजेपी पार्टी आदिवासियों का रखता है विशेष ध्यान बरसात के सीजन मे हर कोई अपने माता पिता के नाम पर एक पेड अवश्य लगाये- विष्णु देव साय विधायक इंद्र साव ने भाटापारा आए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को सौंपा ज्ञापन किसानो की समस्याओं के निदान के लिए विधायक इंद्र साव मिले कृषि मंत्री राम विचार नेताम से जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा बलौदाबाजार नगर में घटित तोड़फोड़ एवं आगजनी की घटना में शामिल 03 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार भीम आर्मी छत्तीसग... बलौदा बाजार हिंसा :-NSUI विधानसभा अध्यक्ष सूर्यकांत वर्मा सहित 07 लोगो की हुई गिरफ्तारी जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा बलौदाबाजार नगर में घटित तोड़फोड़ एवं आगजनी की घटना में शामिल 07 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार गिरफ्तार एक आरोपी... सिमगा स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को जीवनदीप समिति की बैठक विधायक श्री इंद्र साव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस मिली बड़ी सफलता, संयुक्त कार्यालय परिसर स्थित ध्वजखंभ में सफेद ध्वजा लगाने वाला आरोपी गिरफ्तार आरोपी द्वारा संयुक्त कार्याल...

पहचान पत्र नहीं होने पर भी लगेगा टीका

रायपुर।  स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोई पहचान पत्र न रखने वाले लोगों का टीकाकरण करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक ऐसे लोगों को कोविन ऐप में पंजीकृत किया जाएगा और उनके टीकाकरण के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन लोगों की पहचान करने की जिम्मेदारी जिला शासन की होगी।

मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को वैक्सीनेशन कराने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर कार्ड या पेंशन पेपर में से किसी एक पहचान पत्र का होना जरूरी है, लेकिन अगर किसी के पास यह पहचान पत्र नहीं हैं तो उन्हें वैक्सीनेशन से वंचित नहीं रखा जा सकता।

इसी के मद्देजनर मंत्रालय ने ऐसे लोगों का टीकाकरण कराने के लिए गाइलाइन जारी की है। इस श्रेणी में बुजुर्ग, साधु-संत, जेल में बंद कैदी, मानसिक अस्पतालों में भर्ती मरीज, वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केंद्रों में रह रहे मरीज शामिल होंगे।

ऐसे लोगों को ढूंढने का काम जिले की टास्क फोर्स करेगी। वह अल्पसंख्यक विभाग, सामाजिक न्याय विभाग व समाज कल्याण विभाग के सहयोग से ऐसे लोगों की पहचान कर सकती है। इन लोगों का कोविन ऐप में पंजीकरण कराया जाएगा, जिसमें लाभार्थी का नाम, जन्म का साल और लिंग दर्ज कराया जाएगा।

मोबाइल नंबर और पहचान पत्र की अनिवार्यता नहीं होगी। इसका सत्यापन फैसिलिटेटर करेंगे जिसके बाद इन लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। गाइडलाइन के मुताबिक जिले की टास्क फोर्स जिलास्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी, जो अलग-अलग समूह के लोगों की पहचान के लिए फैसीलिटेटर नियुक्त करेगा। यह फैसीलिटेटर लाभार्थियों की पहचान करेगा। नोडल अधिकारी उपलब्ध डेटा के मुताबिक इन लोगों के लिए विशेष वैक्सीनेशन सत्र का आयोजन कराएंगे।