त्रिपुण्ड धारी भगवान महाकाल के त्रिनेत्र रूप में दर्शन
उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार तड़के 3 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। श्रद्धालुओं को त्रिपुण्ड धारी भगवान महाकाल ने त्रिनेत्र रूप में दर्शन दिए। इससे पहले अल सुबह जल से महाकाल को स्नान कराने के पश्चात दूध,दही ,घी ,शक़्कर ताजे फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया।भांग,चन्दन,सूखे मेवे, सिंदूर और आभूषण से महाकाल का मनमोहक श्रृंगार किया गया। मस्तक पर त्रिपुण्ड ,त्रिनेत्र ,सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गयी।फलों और मिष्ठान का भोग लगाया भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है।