ब्रेकिंग
ग्राम दामाखेड़ा आश्रम :- घटना में शामिल 16 आरोपियों की गिरफ्तारी एवं 01 किशोर बालक के विरुद्ध विधिवत कार्रवाई ग्राम दामाखेड़ा आश्रम:- घटित घटना में शामिल 16 आरोपियों की गिरफ्तारी एवं 01 किशोर बालक के विरुद्ध विधिवत कार्रवाई हटिया विधान सभा में कॉंग्रेस की जीत सुनिश्चित हो रही है-सुशील शर्मा जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा अवैध रूप से डंप किया गया भारी मात्रा में शराब का जखीरा किया गया बरामद थाना हथबंद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम केसदा मे... क्षेत्रीय विधायक इन्द्र साव ने रावणभाठा स्थित दशहरा मैदान के मुख्यमंच से नगर वासियों और क्षेत्रवासियो को विजयादशमी पर्व की बधाई दी विधायक इंद्र साव के प्रयास से भाटापारा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा विधायक के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी स्वीकृति सुशील शर्मा को आगामी झारखंड प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने हटिया विधान सभा क्रमांक 64 का पर्यवेक्षक नियुक्त किया जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा रोड में खड़ी ट्रकों के पहिए चोरी करने वाले गिरोह का किया गया पर्दाफाश पुलिस द्वारा ट्रकों के पहिए व बैटरी जैक च... खड़ी ट्रैकों में हो रही लगातार चोरी से परेशान भाटापारा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा विरोध प्रदर्शन पद यात्रा करते हुए शहर थाने में ज्ञापन सौंपा गया भाटापारा में ब्राउन शुगर का कारोबारी गिरिफ़्तार,ड्रग्स विभाग निष्क्रिय,युवाओं का भविष्य अंधकार में ,गृह मंत्री त्यागपत्र देवे—सुशील शर्मा

एक साल वैट, 5 साल एक्साइज ड्यूटी से छूट; इंडस्ट्री की निगेटिव लिस्ट से बाहर होगी महुआ शराब

भोपाल: मप्र में महुए से बनी हेरिटेज मदिरा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कई रियायतें देने की तैयारी कर रही है। इसमें शराब बनाने वाले स्व सहायता समूहों को एक साल तक वैट नहीं देना पड़ेगा। साथ ही 5 साल तक एक्साइज ड्यूटी में भी छूट मिलेगी। इतना ही नहीं, इंडस्ट्री (उद्योग विभाग) की निगेटिव लिस्ट से ‘शराब’ को बाहर निकाला जाएगा, ताकि उन्हें औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के तहत अनुदान मिल सके।कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव उच्च स्तर पर भेज दिया गया है। उद्योग विभाग की निगेटिव लिस्ट (अपात्र सूची) का मतलब यह है कि इस लिस्ट में जितने भी सेक्टर होते हैं, उन्हें अनुदान नहीं दिया जाता। हेरिटेज मदिरा के लिए पहली बार शराब इस लिस्ट से बाहर होगी। शासन का तर्क है कि आदिवासी स्व सहायता समूहों को ही हेरिटेज मदिरा बनाने का लाइसेंस दिया जाना है, इसलिए औद्योगिक अनुदान से उन्हें मदद मिलेगी।बिना एफएसएसएआई सर्टिफिकेट के शराब नहीं बना सकेंगे स्व समूहहेरिटेज मदिरा के लिए बन रही नीति में यह भी स्पष्ट है कि महुआ से शराब बनाने वाले हर स्व सहायता समूह को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का सर्टिफिकेट लेना होगा। इसके बिना वह शराब का निर्माण नहीं कर पाएगा।उत्पादन इकाई की क्षमता भी कम से कम 500 लीटर प्रतिदिन होने की शर्त रहेगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पायलट के तौर पर अालीराजपुर और डिंडोरी में हेरिटेज मदिरा का उत्पादन प्रारंभ हो गया है, जिनका विक्रय टूरिज्म डिपार्टमेंट के होटल के बार आदि में किया जा रहा है।ब्रांड का नाम अलग-अलगफिलहाल ब्रांड में एकरूपता नहीं रहेगी। हर स्व सहायता समूह का अपना ब्रांड हो सकता है। हालांकि प्रस्ताव में एक नाम पर भी विचार किया जा रहा है।नीति में ये भी तीन अहम बातेंलाइसेंसिंग व्यवस्था स्पष्ट, आदिवासी स्व सहायता समूहों के अलावा किसी को यह लाइसेंस नहीं मिलेगा।हर स्व सहायता समूहों की उत्पादन क्षमता और विक्रय को नियोजित करने के साथ उसके लिए अलग सिस्टम बनाना।आबकारी नीति से अलग होगी हेरिटेज मदिरा की नीति।कीमत देसी से कम नहीं होगी…कैबिनेट में जा रहे प्रस्ताव में यह भी साफ किया जाएगा कि हेरिटेज मदिरा की कीमत किसी भी स्थिति में देसी शराब से कम नहीं होगी। बॉटलिंग जरूर 180 एमएल से लेकर अधिक हो सकेगी। यह किसी भी शराब की दुकान (देसी या विदेशी या देसी-विदेशी) पर नहीं मिलेगी।