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एनएसए वारंट में गिरफ्तारी के बाद सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर मोखा को जेल भेजा, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारोबार में बड़ी कार्रवाई

जबलपुर। सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा को बुधवार सुबह करीब 10:30 बजे जेल भेज दिया। उसे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद फरोख्त में ओमती पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मंगलवार रात कलेक्टर न्यायालय से मोखा के खिलाफ एनएसए वारंट जारी किया गया था, जिसके बाद उसका जेल जाना तय माना जा रहा था। प्रशासन द्वारा की गई एनएसए कार्रवाई के साथ केंद्र सरकार

उसके अस्पताल की सीजीएचएस से संबद्धता समाप्त कर दी है। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद फरोख्त के प्रकरण में सिटी अस्पताल के डायरेक्टर मोखा के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कार्यालय से भेजे गए प्रतिवेदन पर सहमत होते हुए कलेक्टर कोर्ट ने एनएसए वारंट जारी किया था। जिसके बाद पुलिस ने मोखा को गिरफ्तार कर लिया था।

ओमती पुलिस ने आज बुधवार सुबह करीब 10:30 बजे मोखा को एनएसए के तहत जेल में निरुद्ध कराया। मोखा के अलावा देवेश चौरसिया व शहनवाज खान निवासी पनागर एवं विवेक सिंह चौधरी निवासी सीएमएस कम्पाउंड के खिलाफ भी एनएसए वारंट जारी किया गया है। देवेश को सिटी अस्पताल मोखा प्रकरण तथा दो अन्य को रेमडेसिविर की कालाबाजारी में पकड़ा गया था। ये तीनों आरोपित जेल में बंद हैं। एनएसए वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने जेल पहुंचकर तीनों की गिरफ्तारी की थी। इससे पूर्व मंगलवार सुबह मोखा को सिटी अस्पताल से हिरासत में लिया गया था। एनएसए में गिरफ्तारी के बाद मोखा को आज बुधवार को कोर्ट में पेश किया जा रहा है। पुलिस द्वारा चंद घंटे में तैयार कर भेजे गए एनएसए प्रकरण में कलेक्टर कोर्ट ने मोहर लगाने में देर नहीं की थी। एनएसए की कार्रवाई पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर की गई।

नकली इंजेक्शन की जब्ती नहीं: मंगलवार को सिटी अस्पताल से मोखा को हिरासत में लिया गया था। जिसके बाद ओमती थाना लाकर इंजेक्शन के संबंध में पूछताछ शुरू की गई। पुलिस के हाथ अब तक नकली इंजेक्शन नहीं लगे हैं। इधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत सिटी अस्पताल को दी गई संबद्धता को समाप्त कर दिया है। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण सामने आने के बाद सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन ने सीजीएचएस के अपर निदेशक को ज्ञापन सौंपकर सिटी अस्पताल की संबद्धता समाप्त करने की मांग की थी। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तक शिकायत की प्रति भेजी थी, जिसके बाद 24 घंटे के भीतर संबद्धता समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया। सरकार ने अस्पताल प्रबंधन काे नोटिस जारी कर एसोसिएशन द्वारा की गई शिकायत की जांच के निर्देश दिए हैं।

पुलिस की जांच में हकीकत सामने-

पुलिस ने एनएसए प्रतिवेदन में स्पष्ट लिखा था कि सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने सहयोगियों के साथ मिलकर मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न करने वाला कार्य किया। कोरोना महामारी में षडयत्रं पूर्वक नकली इंजेक्शन का कारोबार कर लाभ पाने के लिए मरीजों की जान से खिलवाड़ किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानीश ने कहा कि मोखा के खिलाफ नकली इंजेक्शन के कारोबार में काफी सबूत मिले हैं

अपनों को खोने वालों का गुस्सा फूटा: नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का भांडाफोड़ होने के बाद नागरिकों में मोखा व सिटी अस्पताल के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है। कोरोना के कारण सिटी अस्पताल में अपनों को खोने वालों में ज्यादा आक्रोश है। शहर व ग्रामीण अंचल के ऐसे तमाम लोग अस्पताल के खिलाफ शिकायतें करने की तैयारी में हैं। वहीं तमाम अधिवक्ताओं ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों से कहा है कि वह बिना कोई फीस लिए मोखा के खिलाफ शिकायतों में पैरवी करने के लिए तैयार हैं।

यह है मामला: गुजरात के मोरबी में वहां की क्राइम बांच ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री पकड़ी थी। पुलिस ने जांच का दायरा आगे बढ़ाया जिसके बाद आशानगर अधारताल निवासी सपन उर्फ सोनू जैन का नाम सामने आया। गुजराज पुलिस ने गत दिवस उसे जबलपुर पहुंचकर गिरफ्तार कर लिया था। बाद में सपन जैन से संबंधित भगवती फार्मा समेत दवा की तीन दुकानों को सील कर दिया था। इस बीच सपन के चाचा ने सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के आरोप लगाए। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर ओमती पुलिस ने मोखा, सपन जैन व सिटी अस्पताल में दवा दुकान संचालक देवेश चौरसिया के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट के निर्देश पर देवेश को जेल भेज दिया गया था।