नकली सलाइन बनाने की फैक्ट्री खोलना चाहते थे रेमडेसिविर माफिया
इंदौर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में गिरफ्तार दवा माफिया पुनित शाह और कौशल वोरा नकली आइवी (सलाइन) बनाने का कारखाना खोलना चाहते थे। उन्होंने दलाल सुनील मिश्रा से मौखिक अनुबंध भी कर लिया था। यह खुलासा गुजरात और इंदौर पुलिस की संयुक्त पूछताछ में हुआ है।
एसपी (पूर्वी) आशुतोष बागरी के मुताबिक, आरोपित आशीष ठाकुर, सुनील लोधी और चीकू शर्मा को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है। पुलिस आरोपितों के काल डिटेल और बैंक खातों की जांच कर रही है। अभी तक की जांच में यह तो स्पष्ट हो गया कि गिरोह सूरत (गुजरात) से संचालित हो रहा था और दलाल सुनील मिश्रा (लिंबोदी) मुख्य सप्लायर था।
सुनील मिश्रा ने बताया कि उसका संपर्क इंडिया मार्ट वेबसाइट के माध्यम से हुआ था। शुरुआत में वह हैंड ग्लव्स, मास्क, सैनिटाइजर सप्लाई करता था। इंडिया मार्ट पर उसने जय मां आरनामेंट्स के नाम से अकाउंट बनाया था। इस पर विभिन्ना प्रकार की सामग्री का आर्डर लेकर सप्लाई करता था। इसी दौरान डाक्टर और अस्पतालों द्वारा रेमडेसिविर की मांग आई और कौशल वोरा और पुनित शाह से संपर्क हुआ।
दोनों से रेमडेसिविर की मांग की तो उन्होंने कई दिनों तक झांसेबाजी की और इंजेक्शन की महत्ता दर्शाने के लिए उसे मुंबई ले गए। 20 अप्रैल को उसे 700 इंजेक्शन की पहली खेप दे दी। इसमें से 500 इंजेक्शन जबलपुर में सिटी अस्पताल के संचालक को दे दिए। जबकि 100 इंजेक्शन चीकू शर्मा के माध्यम से दवा बाजार के व्यवसायी गौरव केसरवानी और गोविंद गुप्ता आदि को बेच दिए। 100 इंजेक्शन एक अन्य दवा व्यवसायी को दिए। पुलिस ने मंगलवार रात उसकी तलाश में छापा मारा लेकिन वह फरार हो गया
दलाल को बनाने वाले थे पार्टनर
एसपी के मुताबिक, गुजरात पुलिस द्वारा पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि आरोपित कौशल और पुनित नकली आइवी की फैक्ट्री खोलने की तैयारी कर रहे थे। सुनील मिश्रा को उसमें पार्टनर बनाने का वादा किया था। मिश्रा नकली इंजेक्शन से होने वाला मुनाफा पुनित शाह को दे देता था। वह उसके रहन-सहन से भी प्रभावित था। पुनित महंगी कारों में घूमने का शौकीन था और सितारा होटलों में ठहरता था।
गुजरात से रिमांड पर लाएगी पुलिस
एसपी के मुताबिक पुलिस ने कौशल, पुनित और सुनील के उन नंबरों की काल डिटेल निकाल ली है जिससे वे लोगों के संपर्क में थे। पुलिस ने पूरे 700 इंजेक्शन का हिसाब भी मिला लिया है। प्रिया नामक युवती सहित कुछ अन्य की भूमिका की जांच की जा रही है। पुलिस तीनों आरोपितों को प्रोडक्शन रिमांड पर लाने की तैयारी कर चुकी है। ड्रग इंस्पेक्टर और दलालों की भूमिका की जांच भी जा रही है। जिन्होंने स्वजन के लिए इंजेक्शन खरीदे उन्हें मुलजिम नहीं बनाया जाएगा। लेकिन जिन्होंने नकली इंजेक्शन बेचकर मुनाफा कमाया, उनकी गिरफ्तारी निश्चित है।