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संक्रमण रोकने के लिए इस प्रदेश में लगाया गया ट्रिपल लॉकडाउन, जानिए क्या होता है यह

केरल के 4 जिलों में पिनाराई विजयन सरकार ने ट्रिपल लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, एर्नाकुलम और मलप्पुरम में कोरोना के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके साथ ही सरकार ने मौजूदा लॉकडाउन को 23 मई तक बढ़ा दिया है। पहले यहां 16 मई तक लॉकडाउन लगाया गया था। पिछले 24 घंटों में केरल में कोरोना के 34,694 नए मामले मिले हैं। यहां संक्रमितों की कुल संख्या 20,55,528 तक पहुंच चुकी है। वहीं, 93 लोगों की मौत से कुल मौत का आंकड़ा 6,243 पर पहुंच गया है।

केरल के तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, एर्नाकुलम और मलप्पुरम में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले आ रहे हैं। 15 मई के दिन तिरुवनंतपुरम में कोरोना के सबसे ज्यादा 4,567 नए मामले मिले हैं। वहीं इसके बाद मलप्पुरम में 3,997, एर्नाकुलम में 3,855 और त्रिशूर में 3,162 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। यहां का पॉजिटिविटी रेट 26.41 फीसदी है।

क्या है ट्रिपल लॉकडाउन (Triple Lockdown), यह सामान्य लॉकडाउन से कैसे अलग है

ट्रिपल लॉकडाउन में तीन स्तर पर लोगों को घरों से बाहर निकलने से मना किया जाता है और इसकी सख्त निगरानी की जाती है। पुलिसकर्मी मोटरसाइकल से गश्त लगाते हैं, ड्रोन के जरिए भी निगरानी की जाती है। इसके साथ ही पुलिस लोगों की मंजूरी से मोबाइल एप का भी इस्तेमाल करती है, जिसके जरिए लोगों की मूवमेंट पर नजर रखी जाती है और GPS की मदद से उसकी लोकेशन देखी जाती है।

लॉक-1

लॉक 1 में लोगों की आवाजाही बंद कर दी जाती है और उन्हें घर के अंदर रहने के लिए कहा जाता है। हालांकि, इस दौरान राशन, सब्जी और दवाइयों को दुकानदारों को आवाजाही की छूट रहती है। जरूरी सामान के लिए लोग हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके सामान मंगा सकते हैं। जो लोग बाहर निकलते हैं उनके पास आधिकारिक दस्तावेज होना चाहिए, जिसमें स्पष्ट लिखा हो कि उनका बाहर निकलना क्यों जरूरी है। यह कागज देखने के बाद ही पुलिस उन्हें बाहर जाने की अनुमति देती है। जो लोग लॉकडाउन का उल्लंघन करते हैं उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाता है और आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाता है।

लॉक- 2

लॉक 2 सभी जगहों पर नहीं लगाया जाता है। जिन इलाकों में कोरोना के मामले बहुत ज्यादा आ रहे हैं। सिर्फ वहीं लॉक-2 लगाया जाता है। जो बी लोग इसका उल्लंघन करते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी जाती है।

लॉक-3

लॉक 3 के तहत कोरोना मरीजों के घर में लगातार निगरानी रखी जाती है। पुलिस अफसर यह सुनिश्चित करते हैं के कोरोना पॉजिटिव लोग और उनके परिवार का कोई सदस्य घर से बाहर न निकले क्योंकि ये लोग ज्यादा आसानी से कोरोना फैला सकते हैं।

ट्रिपल लॉकडाउन का प्रयोग सबसे पहले कसरागोद जिले में साल 2020 में किया गया था। इसकी वजह से वहां तीन सप्ताह में कोरोना के मामलों में 94 फीसदी तक की कमी आई थी।