लूट में कर्मचारी भी शामिल, साढ़े 24 लाख रुपए बरामद होने पर शिकायतकर्ता भी जांच के घेरे में
करनाल: आरोपियों के साथ पुलिस अधिकारी।करनाल रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को हुई 8 लाख रुपए लूटने की वारदात को सुलझाते हुए पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस उस समय हैरान रह गई जब इन तीनों से 8 लाख रुपए की जगह 24 लाख 41 हजार रुपए की नकदी बरामद हुई। पुलिस तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। चूंकि इस केस में लूटी गई रकम से तीन गुना ज्यादा रकम बरामद हुई है इसलिए पुलिस इस केस के शिकायतकर्ता सीताराम को भी जांच में शामिल करेगी।करनाल के एसपी गंगाराम पूनिया ने बताया कि नीलोखेड़ी के स्टेशन एरिया में रहने वाले सीताराम ने मंगलवार सुबह 11 बजे रेलवे स्टेशन की पार्किंग से 8 लाख रुपए लूटने की शिकायत की। पुलिस ने इस केस में करनाल के तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो सगे भाई हैं।गिरफ्तार किया गया राहुल और उसका बड़ा भाई रोहित करनाल शहर में हांसी चौक एरिया की गली नंबर 5 के रहने वाले हैं। इनका तीसरा साथी संजय करनाल बस अड्डे के पीछे बनी झुग्गियों में रहता है। इनमें से राहुल शिकायतकर्ता सीताराम के पास ईंट-भट्ठे पर लेबर का काम करता है। तीनों को विश्वसनीय साक्ष्य के आधार पर सिविल लाइन एरिया से पकड़ा गया।करनाल एसपी के अनुसार, राहुल, रोहित और संजय से कुल 24 लाख 41 हजार रुपए बरामद किए गए। चूंकि पुलिस को लूटी गई रकम से ज्यादा कैश बरामद हुआ है, ऐसे में पुलिस इस इनकम का सोर्स पता लगाने के लिए शिकायतकर्ता सीताराम को भी जांच में शामिल करेगी। से बातचीत करते पुलिस कप्तान गंगा राम पूनिया।कहां से आए 12 लाख रुपएपुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि अगर करनाल स्टेशन से सिर्फ 8 लाख रुपए लूटे गए थे तो गिरफ्तार आरोपियों के पास बाकी 12 लाख रुपए से अधिक की रकम कहां से आई? क्या शिकायतकर्ता ने सही रकम की जानकारी नहीं दी? और अगर यह रकम शिकायतकर्ता की नहीं है तो क्या आरोपियों ने कहीं ओर भी लूट वगैरह की वारदात की थी क्या? पुलिस इन तमाम पहलुओं की जांच कर रही है। पुलिस अफसरों के अनुसार, इन सवालों का जवाब जानने के लिए शिकायतकर्ता सीताराम को गुरुवार को बुलाया गया है।एसपी ने डिटेक्टिव स्टाफ को सौंपी जांचकरनाल के एसपी गंगाराम पूनिया ने लूट की वारदात सुलझाने की जिम्मेदारी डिटेक्टिव स्टाफ को सौंपी थी। डिटेक्टिव स्टाफ के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर अनिल कुमार के नेतृत्व में टीमों ने महज 24 घंटे के अंदर केस को ट्रेस करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।एक दिन पहले बनाया लूट का प्लानशुरुआती जांच में पता चला है कि तीनों आरोपियों ने इस वारदात की योजना एक दिन पहले यानि 15 अगस्त को बनाई थी। ईंट-भट्ठे पर काम करने राहुल को सीताराम के पास कैश होने की जानकारी थी। उसी ने यह जानकारी अपने बड़े भाई रोहित और उसके साथी संजय को दी। सीताराम की पूरी रेकी राहुल पहले ही कर चुका था। मंगलवार सुबह 11 बजे प्लानिंग के तहत रोहित और संजय बाइक पर आए और सीताराम से कैश से भरा बैग लेकर फरार हो गए। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल बाइक बरामद कर ली।लेबर को पेमेंट देने जाना था बिहारकरनाल सिविल लाइन थाने में दी शिकायत में नीलोखेड़ी के सीताराम ने बताया कि उसका साला उमेश करनाल के सेक्टर-8 अर्बन एस्टेट में रहता है। उमेश ने ईंट-भट्ठे पर लेबर सप्लाई का काम लिया हुआ है। सीताराम के अनुसार, वह अपने साले उमेश के पास लेबर की देखरेख का काम करता है और लेबर लेने यूपी-बिहार जाता रहता है। ईंट-भट्ठे की लेबर को पेमेंट एडवांस देनी पड़ती है। उसे मंगलवार को लेबर को पेमेंट देने के लिए बिहार जाना था। उमेश के कहने पर भट्ठे पर काम करने वाले राहुल ने उसकी 16 अगस्त की नई दिल्ली से पटना के लिए टिकट बुक कराई थी।राहुल को थी पेमेंट की जानकारीशिकायतकर्ता सीताराम के अनुसार, राहुल को पता था कि वह बिहार में लेबर के लिए पेमेंट लेकर जा रहा है। 16 अगस्त की सुबह करीब 10 बजे वह बैग में आठ लाख रुपये डालकर राहुल के साथ कार में रेलवे स्टेशन के लिए निकला। कार राहुल चला रहा था। जब वह लोग करनाल रेलवे स्टेशन की पार्किंग में पहुंचे तो वहां बाइक पर आए दो युवक राहुल के हाथ से रुपयों से भरा बैग छीनकर फरार हो गए।