28 सदस्यीय दल लौटा, 14 हजार फुट की ऊंचाई पर पहुंची बहनें
बैतूल: करगिल के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति ने देश की सैनिकों की हौसला अफजाई के संकल्प का 23वां पड़ाव मंगलवार को पूरा किया। देश की सरहदों पर रक्षा बंधन मनाने इस बार संस्था अध्यक्ष गौरी पदम के नेतृत्व में बैतूल, सीहोर, शाजापुर और आंधप्रदेश के करनूल से 28 सदस्यीय दल सिक्कम प्रांत के लिंगडम में आईटीबीपी एवं भारत, चीन, तिब्बत बार्डर पर स्थित नाथूला पहुंचा और यहां तैनात सैनिकों को 11 एवं 12 अगस्त को राखी बांधकर जवानों की कुशलता की कामना की। यह दल आज बुधवार बैतूल लौट आया।गौरतलब है कि 8 अगस्त को यह दल सीमा के लिए रवाना हुआ था। आज बैतूल वापसी पर राष्ट्र रक्षा मिशन दल का जोरदार स्वागत किया। दल में बैतूल,सीहोर,शाजापुर और आंध्र प्रदेश से 5 सदस्य शामिल हुए।14 हजार 150 फीट पर पहुंचकर बांधी राखीबैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति के दल ने 11 अगस्त को लिंगडम में 13 बटालियन के करीब 300 जवानों के साथ रक्षा बंधन मनाया। यहां आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश एवं बैतूल के दल में शामिल सदस्यों ने आजादी के अमृत महोत्सव थीम एवं जवानों की हौसला अफजाई के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। अगले दिन दल भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय बार्डर नाथूला के लिए रवाना हुआ। यहां बाबा हरभजन सिंह के मंदिर में पूजन एवं दर्शन के बाद जीरो लाईन पर 14 हजार 150 फीट की ऊंचाई पर तैनात आर्मी के जवानों को भी राखी बांधी गई।आईटीबीपी सिक्किम के डीआईजी एवं नाथूला बार्डर पर कमांडेंट द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर राष्ट्र रक्षा मिशन को सम्मानित किया। यहां ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम होने से 40 मिनट से अधिक रुकने की अनुमति नहीं थी, राष्ट्र रक्षा मिशन के दल ने यहां विजिट एवं रक्षा बंधन सेलिब्रेशन के दौरान करीब डेढ़ घंटे का वक्त बिताया। इस दौरान सेना में तैनात महिला फौजियों ने राष्ट्र रक्षा मिशन के दल में शामिल भाइयों को रक्षासूत्र बांधे।