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बेलगाम वाहन चिंताजनक

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर लगाम लगाने के लिए लगाए गए लाकडाउन के दौरान सड़कों पर जब आवाजाही बंद थी, उस दौरान दुर्घटना में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। सड़कों पर पुलिस की गश्त, चौक-चौराहों पर नाकेबंदी और वरिष्ठ अधिकारियों की नियमित समीक्षा के बाद यह स्थिति आश्चर्यजनक है। आखिर पुलिस-प्रशासन की यह कैसी सख्ती और सक्रियता थी कि लोग तेज रफ्तार से वाहन दौड़ा रहे थे और उनका ब्रेक पर नियंत्रण नहीं था?

यह चिंताजनक बात है कि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में राजधानी, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़ और कोरबा जैसे प्रमुख शहर शीर्ष पर हैं। जाहिर है कि सड़क पर प्रशासन और आमजन दोनों ही लापरवाह थे। प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं के मामलों का ट्रैफिक पुलिस ने अध्ययन किया तो पता चला कि जब शहर, गांव और कस्बे तक बंद थे, तब सड़कों पर दुर्घटनाएं और मौत के मामले बढ़ रहे थे।

ट्रैफिक पुलिस केआंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021 में जनवरी से अप्रैल तक चार हजार 576 सड़क दुर्घटनाओं में दो हजार 64 व्यक्तियों की मौत हुई, जबकि चार हजार 150 लोग घायल हुए। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सड़क दुर्घटना में 18 फीसद, मौत के मामले में 41 फीसद और 10 फीसद घायलों की संख्या में वृद्धि हुई है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले साल की तुलना में मृत्युदर में वृद्धि छोटे जिलों में ज्यादा पाई गई। आदिवासी बहुल कोंडागांव में 119 फीसद, सरगुजा में 105 फीसद, रायगढ़ में 99 फीसद, महासमुंद में 69 फीसद और बालोद में 51 फीसद मृत्युदर बढ़ी है। वहीं नक्सल प्रभावित सुकमा, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और बालौदाबाजर में पिछले साल की तुलना में सड़क दुर्घटना कम हुई है।

सड़क दुर्घटना के मामले में राजधानी रायपुर सबसे आगे है। हालांकि पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी कम दर्ज की गई है। वर्ष 2021 की शुरुआत केचार महीने में सर्वाधिक 640 सड़क दुर्घटना रायपुर जिले में हुई, दूसरे नंबर पर बिलासपुर में 304, दुर्ग में 279, रायगढ़ में 248 और कोरबा में 222 सड़क दुर्घटना हुई। वहीं पहले चार महीने में प्रतिदिन औसतन 38 सड़क दुर्घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो रही है।

सड़क दुर्घटना में मरने वालों में 12.34 फीसद पैदल चलने वाले, 3.48 फीसद साइकिल चालक, 70.37 फीसद दोपहिया वाहन चालक और 4.46 फीसद कार चालक दुर्घटना के शिकार हुए। प्रदेश की कुल सड़क में 16 फीसद नेशनल हाइवे हैं और यहां 29 फीसद मौतें हुई हैं।

यह अच्छी बात है कि यह रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रदेश के स्पेशल डीजी ने इसे संज्ञान में लिया है और सभी थानेदारों और पर्यवेक्षक अधिकारियों को प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इससे सबक लेकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती दिखाने की जरूरत है।