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कुंभ को कोरोना संक्रमण के प्रसार से जोड़ने की धर्म गुरुओं ने की निंदा, कहा- यह हिंदू परंपराओं का अपमान

नई दिल्ली। जाने माने धर्म गुरुओं ने हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले को कोरोना संक्रमण के प्रसार से जोड़ने की निंदा की है और इसे हिंदुओं और उनकी परंपराओं का अपमान बताया है।

धर्म गुरुओं ने कहा कि कुंभ मेले के आयोजन के बाद उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले में वृद्धि नहीं हुई थी। धर्म गुरुओं ने किसी दल का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन उनके बयान भाजपा द्वारा कांग्रेस पर महामारी की दूसरी लहर के लिए मोदी सरकार को बदनाम करने और कुंभ को संक्रमण के प्रसार से जोड़ने के लिए ‘टूलकिट’ बनाने का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद आया है। हालांकि, कांग्रेस ने भाजपा के इन आरोपों को खारिज किया है।

योग गुरु बाबा रामदेव ने एक संदेश में कहा, ‘इस तरह का टूलकिट तैयार करना कुंभ मेला और प्राचीन हिंदू धर्म को बदनाम करने की बड़ी साजिश है। यह अपराध है। उन्हें सौ करोड़ से ज्यादा हिंदुओं का अपमान बंद करना चाहिए और लोगों को भी हिंदू और भारत विरोधी ताकतों का बहिष्कार और विरोध करना चाहिए।’

जूना अखाड़ा के स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि कुंभ भारतीय मूल्यों, संस्कृति और इसकी संवेदनशीलता का प्रतीक है। कुंभ मेले को कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ जोड़ना भारतीय मूल्यों और संस्कृति पर हमला है। उन्होंने कहा कि कुंभ को लेकर गलत सूचना फैलाने की सभी साधु संत आलोचना करते हैं और इस तरह की राजनीति ठीक नहीं है। स्वामी कैलाशनंद गिरी ने भी कुंभ को कोरोना महामारी से जोड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।