12 दिन तक पलंग पर लेटे रहे, डॉक्टर की हर सलाह मानी, थायराइड, ब्लड प्रेशर, शुगर होने के बावजूद कोरोना को हराया
जबलपुर। एमपीईबी कॉलोनी सहकार नगर निवासी 71 वर्षीय अमरेश श्रीवास्तव का कहना है कि कोरोना को आसानी से हराया जा सकता है। कोरोना भी आम बीमारियों की तरह एक रोग है, जिस पर समय रहते बेहतर उपचार, संयम व आत्मबल से विजय पाई जा सकती है।
उन्होंने बताया कि वे लंबे समय से शुगर, ब्लड प्रेशर व थायरॉइड के मरीज हैं। इन बीमारियों के साथ कोरोना ने घेर लिया था। छाती में 65-70 फीसद तक संक्रमण हो गया था। रक्त में आक्सीजन की मात्रा चिंताजनक स्थिति तक घट गई थी। परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मुकाबला कर कोरोना को हरा दिया। उन्होंने बताया कि वे 20 अप्रैल से आठ मई तक दमोहनाका स्थित मेट्रो अस्पताल में भर्ती रहे। जिस स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं उन्हें इस अस्पताल में मिलीं उसका बखान शब्दों में करना संभव नहीं। चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी उनके बिस्तर के आसपास बने रहते थे। उन लोगों से पूछना पड़ता था कि आप लोग सोते भी हैं या नहीं। उन्होंने कोरोना मरीजों को सलाह दी है कि अस्पताल में भर्ती होने पर स्वयं को चिकित्सक को सौंप दें। उनके प्रत्येक निर्देश का अक्षरश: पालन करें और इच्छा शक्ति मजबूत बनाए रखें। ऐसा करने से वे कोरोना को आसानी से हरा सकते हैं।
अस्पताल पहुंचा तो कुर्सी से उठ नहीं पाता था: सहकार नगर निवासी अमरेश श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना के शुरुआती लक्षण वे समझ नहीं पाए थे। 17 अप्रैल को कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। जिसके बाद वे होम आइसोलेशन में उपचार करवाने लगे। इसी बीच पत्नी भी कोरोना की चपेट में आ गईं। 20 अप्रैल को ऐसी हालत हो गई कि स्वयं की ताकत से कुर्सी से उठना मुश्किल हो गया। जिसके बाद स्वजन ने मेट्रो हॉस्पिटल में भर्ती कराया। सीटी स्केन समेत अन्य जांचों में पता चला कि स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और न सिर्फ विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. शैलेंद्र राजपूत बल्कि ड्यूटी डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी की एक-एक सलाह गंभीरता से मानने लगे। चिकित्सक ने निर्देश दिया कि बिस्तर से उठना नहीं है। 12 दिन तक वे बिस्तर पर करवट बदलते पड़े रह गए परंतु चिकित्सक की सलाह की अवहेलना नहीं की। अस्पताल से घर लौटने के बाद शारीरिक कमजोरी बनी है, 10 किलोग्राम वजन घट चुका है, परंतु आत्मबल में कोई कमी नहीं आई।
हर नया दिन बीते दिन से बेहतर: पेशे से बिल्डर अमरेश श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों को यह मानना चाहिए कि उनका हर दिन बीते दिन से बेहतर है। यही मजबूत इरादा कोरोना को हराता है। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उन्हें अपनी तमाम रिपोर्ट की जानकारी मिली। पहले दिन सीटी स्कोर 12 था जो तीसरे दिन 15 पहुंच गया। स्थिति गड़बड़ हो रही थी परंतु उन्होंने यह ठान लिया था कि हर दिन सेहत में सुधार हो रहा है। कोरोना संक्रमित प्रत्येक मरीज को इसी भावना के साथ महामारी से लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने शहर में मेट्रो अस्पताल है, और इस बात पर उन्हें गर्व है।