रेवाड़ी में कई जगह विसर्जन; नहर पर नहीं दिखी सख्ती, ताश खेलते नजर आए कर्मचारी
रेवाड़ी: तुर्कियावास रोड स्थित नहर में मूर्ति विसर्जन करते हुए।हरियाणा के रेवाड़ी में शुक्रवार को गणेश के महोत्सव के समापन अवसर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं ने नहर पर अलग-अलग जगह मूर्ति विसर्जन किया। सिंचाई विभाग द्वारा नहर में मूर्तियों के विसर्जन नहीं करने की अपील और दावे ही फैल साबित हुए। जिन कर्मचारियों की नहर पर ड्यूटी लगाई गई थी वो नहर के पास ही ताश खेलते हुए नजर आए।31 अगस्त को गणेश महोत्सव की शुरूआत हुई थी। 9 सितंबर यानी शुक्रवार को समापन हो गया। समापन अवसर पर लोग बैंडबाजों की धुन पर गुलाल-अबीर खेलते हुए मूर्ति विसर्जन के लिए नहर पर पहुंचे। दिल्ली रोड और तुर्कियावास रोड स्थित नहर पर सबसे ज्यादा मूर्ति विसर्जन किया। मूर्ति विसर्जन से पहले शहर में अलग-अलग जगह शोभा यात्रा के रूप में गणपति बप्पा की मूर्ति को लेकर जाया गया और उसके बाद नहर में विसर्जन किया गया।गणेश जी की मूर्ति विसर्जन के लिए लेकर जाते हुए।रास्ते में श्रद्धालुओं ने गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ के गगनभेदी श्लोक से वातावरण को गुंजायमान किया। श्रद्धालुओं में भारी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। दस दिवसीय महोत्सव को मनाने को लेकर लोगों में भारी जोश देखा गया। शहर भर में 100 से अधिक जगह पर श्रद्धालुओं ने मूर्ति विराजमान की थी।नहर के निकट ताश खेलते हुए कर्मचारी।इस दौरान लोगों ने जागरण व भंडारे भी किए। नहर में मूर्ति विसर्जन पर बैन पिछले कई सालों से श्रद्धालु गणेश की प्रतिमा को नहरों में विसर्जित करते आ रहे थे। हर बार नहरों में गंदगी काफी बढ़ जाती है। मूर्ति विसर्जन करते समय हादसे भी हुए हैं। पानी भी गंदा हो जाता था, जिसे साफ करने में जनस्वास्थ्य विभाग को अतिरिक्त मेहनत व खर्चा करना पड़ता था।