पुरानी पेंशन योजना की मांग हुई तेज, प्रदेश में एक जुट हो गए लाखों कर्मचारी
भोपाल। मध्यप्रदेश में लाखों कर्मचारी अब पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर जुटने लगे हैं। प्रदेश के शिक्षकों के साथ ही कई कर्मचारी संगठन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं। इसके अलावा प्रदेश के कई जिलों में भी अलग-अलग प्रदर्शन किए जाएंगे। राजधानी भोपाल में सीएम से मिलकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जाएगी। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड अपने राज्य में पुरानी पेंशन बाहली कर चुके हैं। इसे देख मध्यप्रदेश में भी शिक्षकों समेत कर्मचारी संगठन एक जुट होने लगे हैं। यह कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के साथ ही अनुकंपा नियुक्ति, क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान समेत कई मांगों को लेकर 13 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं।
एनपीएस का का विरोध, ओपीएस की मांगआजाद अध्यापक शिक्षक संघ के मुताबिक अध्यापक शिक्षक संवर्ग को भी अंशदाई पेंशन के स्थान पर पुराने शिक्षक संवर्ग की भांति पुरानी पेंशन लागू करने की मांग की गई है। कई वर्षों में दिवंगत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों को शासकीय कर्मचारियों के समान ही ग्रेज्युटी राशि का भुगतान और अन्य शासकीय कर्मचारियों के समान ही ग्रीन कार्ड की वेतन वृद्धि, अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की जाएगी। शिक्षकों को द्वितीय क्रमोन्नत/ समयमान वेतनमान के आदेश जारी करने समेत 12 सूत्रीय मांगे की। संघ के अध्यक्ष भरत पटेल का कहना है कि प्रदेश में 25 हजार शिक्षकों ने हड़ताल पर जाने का आवेदन दे दिया है। यह संख्या अगले दो दिन में बढ़कर 75 हजार हो जाएगी। इस बार तीन स्थानों पर धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी है। अनुमति नहीं मिलेगी तब भी आंदोलन किया जाएगा। 13 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
नहीं मिली अनुकंपा नियुक्तिसंघ के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में हजारों शिक्षकों का निधन हो गया, लेकिन उनके निधन के बाद खाली हुए पदों पर परिवार के किसी सदस्य को नियुक्ति नहीं दी गई। वर्ष 2006 से 2010 के बीच नियुक्त शिक्षकों को वर्ष 2018 से 2021 में क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान दिया जाना चाहिए था, लेकिन अब तक नहीं दिया गया।
करीब तीन लाख अध्यापककर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान में सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों को 500 से 2000 रुपए पेंशन मिलेगी, ऐसे में पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश में अध्यापक से शिक्षक बने कर्मचारियों की संख्या दो लाख 87 हजार है।
राज्य सरकार तत्काल लागू करेंतृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी कहते हैं कि एक जनवरी 2005 के बाद जो भी सरकारी भर्ती हुई है, उसमें पुरानी पेंशन लागू नहीं है। जो बहुत ही गलत निर्णय है। कर्मचारी के लिए इससे ज्यादा दुखदायी समस्या कोई नहीं हो सकती। शिवराज सरकार को कर्मचारियों की पुरानी पेंशन प्रणाली को तत्काल लागू करना चाहिए। क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद कई कर्मचारी बीमारियों की गिरफ्त में भी आ जाते हैं। उन्हें परिवार का साथ नहीं मिल पाता है, ऐसे में वे अपना ध्यान रख सकें। ऐसे में पुरानी पेंशन स्कीम ही सभी सरकारी कर्मचारियों को राहत देगी। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी या उनके परिवार का जीवन यापन करना मुश्किल हो जाएगा।
ऐसी है पुरानी पेंशन स्कीमकेंद्र सरकार के फैसले के बाद कई राज्यों ने 2005 में कर्मचारियों की पेंशन योजना को एक प्रकार से बंद करते हुए नए स्वरूप में लागू किया था। इससे उनकी पेंशन काफी कम हो गई थी। कर्मचारी वर्ग समय-समय पर दोबारा से पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग करते रहे हैं।
नई स्कीम से कर्मचारियों को नुकसानतृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमा शंकर तिवारी इस बारे में कहते हैं कि पुरानी पेंशन योजना ही कर्मचारियों के लिए अच्छी है। नई स्कीम से जीवन यापन भी संभव नहीं होगा। क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद ही कर्मचारियों बीमारी की गिरफ्त में भी आ जाते हैं, ऐसे में पुरानी पेंशन स्कीम ही सभी सरकारी कर्मचारियों को राहत देंगी।