ब्रेकिंग
किसानों से लिया जा रहा है 300 से 400 सो ग्राम ज्यादा धान::- इंद्र साव बारदाना की कमी से जूझ रहा किसान, ना पीने का पानी,ना सर ढकने के लिए छत ग्राम दामाखेड़ा आश्रम :- घटना में शामिल 16 आरोपियों की गिरफ्तारी एवं 01 किशोर बालक के विरुद्ध विधिवत कार्रवाई ग्राम दामाखेड़ा आश्रम:- घटित घटना में शामिल 16 आरोपियों की गिरफ्तारी एवं 01 किशोर बालक के विरुद्ध विधिवत कार्रवाई हटिया विधान सभा में कॉंग्रेस की जीत सुनिश्चित हो रही है-सुशील शर्मा जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा अवैध रूप से डंप किया गया भारी मात्रा में शराब का जखीरा किया गया बरामद थाना हथबंद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम केसदा मे... क्षेत्रीय विधायक इन्द्र साव ने रावणभाठा स्थित दशहरा मैदान के मुख्यमंच से नगर वासियों और क्षेत्रवासियो को विजयादशमी पर्व की बधाई दी विधायक इंद्र साव के प्रयास से भाटापारा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा विधायक के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी स्वीकृति सुशील शर्मा को आगामी झारखंड प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने हटिया विधान सभा क्रमांक 64 का पर्यवेक्षक नियुक्त किया जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा रोड में खड़ी ट्रकों के पहिए चोरी करने वाले गिरोह का किया गया पर्दाफाश पुलिस द्वारा ट्रकों के पहिए व बैटरी जैक च... खड़ी ट्रैकों में हो रही लगातार चोरी से परेशान भाटापारा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा विरोध प्रदर्शन पद यात्रा करते हुए शहर थाने में ज्ञापन सौंपा गया

बागियों पर कोई कार्रवाई नहीं करेंगी पार्टियां

मिशन 2023 की रणनीति… कांग्रेस और भाजपा ने बदली चाल

भोपाल । मप्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेेस और भाजपा ने किसी को भी नाराज नहीं करने की रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत दोनों पार्टियों ने दागियों और बागियों पर कार्रवाई न करने का फैसला किया है। यानी पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में जिन नेताओं ने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया है उन पर कोई नहीं की जाएगी। दरअसल, विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों पार्टियां पूरी तरह सजग हंै। दोनों का लक्ष्य है कि 2023 में सरकार बनाई जाए। इस लक्ष्य को पाने के लिए लगातार रणनीति बनाई जा रही है। कांग्रेस को उम्मीद है कि 2018 की तरह 2023 में भी उसकी लॉटरी लग सकती है। इसलिए पार्टी समन्वय के साथ काम कर रही है। वहीं भाजपा प्रीतम लोधी को पार्टी से निकालने के बाद उसके परिणाम पर लगातार मंथन कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा भी मिशन 2023 तक दागी और बागी पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
कांग्रेस का रुख नरम विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मध्य प्रदेश कांग्रेस भी पार्टी नेताओं के साथ ही हर वर्ग को पार्टी से जोडऩे के लिए कोशिश कर रही है। यही वजह है कि जुलाई में पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले अपने विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के मूड में नहीं है। उनको लेकर प्रदेश कांग्रेस का रुख नरम है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने स्तर पर क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के नाम पता करवा लिए हैं, लेकिन अभी वे उनके खिलाफ कार्रवाई करने के मूड में नहीं हैं। वे इन विधायकों से जवाब तलब करने के लिए सही समय का इंतजार करे रहे हैं, ताकि भविष्य में कोई भी विधायक या नेता पार्टी लाइन से बाहर न जाए। दरअसल, इस समय कमलनाथ का पूरा फोकस विधानसभा चुनाव पर है। वे किसान, व्यापारी, मजदूर, नौकरीपेशा सभी वर्गों को पार्टी से जोडऩे के प्रयास कर रहे हैं। नाथ यह भी नहीं चाहते की पुराने कार्यकर्ता पार्टी से दूर हों।
प्रभारी जिलों में करेंगे जमावटप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी 52 जिलों में प्रभारी और सह प्रभारियों की नियुक्ति की है। उन्हें जिलों में समन्वय बनाने और ग्राउंड रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रभारी और सह प्रभारी जल्द ही अपने-अपने प्रभार के जिलों में जाकर काम शुरू करेंगे। कमलनाथ ने जिला प्रभारियों से सीधे उन्हें रिपोर्ट करने को कहा है। बालाघाट जिले के प्रभारी व पूर्व मंत्री तरुण भनोत का कहना है कि वे पूर्व से ही बालाघाट के दौरे करते रहे हैं। चुनाव को देखते हुए वे बालाघाट में और सक्रियता बढ़ाएंगे। हमारा काम जिले के सभी पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर समन्वय स्थापित करना है। सागर जिले के प्रभारी अवनीश भार्गव का कहना है कि वे सागर का एक बार दौरा कर चुके हैं। सागर जिले के खुरई, गढ़ाकोटा व कर्रापुर में निकाय चुनाव की प्रकिया शुरू हो गई है, इसलिए वे ज्यादातर समय वहां दे रहे हैं।
भाजपा माफीनामा लेकर बक्शेगी नेताओं कोसख्त अनुशासन के लिए जाने जाने वाली भाजपा ने भी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए अनुशासन की डोर कुछ ढीली कर दी है। जहां पार्टी को हार मिली है वहां उसने पिछले दिनों अपने नेताओं को रायशुमारी के लिए भेजा था और बागियों से भी बात करने को कहा था। इन नेताओं की रिपोर्ट पार्टी को मिल गई है पर वह बागियों के खिलाफ सख्त तेवर अपनाने से बच रही है। गौरतलब है कि नगरीय निकाय चुनावों में टिकट न मिलने के कारण कई कार्यकर्ता बागी हो गए थे और उन्होंने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था। इनमें कई को जीत भी मिली थी। जीत के बाद कई नगरीय निकाय चुनावों में इन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी का समर्थन कर दिया। ऐसे नेताओं पर पार्टी ने कार्यवाही नहीं करने का फैसला किया है। इसके अलावा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए कई नेताओं से माफीनामा लेकर उन्हें बक्शा जाएगा। इसी तरह कांग्रेस से बागी होकर भाजपा का समर्थन करने वाले पार्षदों को भी आने वाले समय में भाजपा में शामिल किया जाएगा। जिला और जनपद पंचायतों में भाजपा ने जिन उम्मीदवारों को अपना समर्थन दिया था। उनके खिलाफ पार्टी के ही कई नेता बागी होकर मैदान में उतर गए थे। इनमें से कई ने जीत दर्ज की है। विधानसभा चुनाव में महज एक साल रह जाने के कारण पार्टी अब इन बागियों पर कार्यवाही नहीं करना चाहती। उसने इनसे चर्चा कर इन्हें फिर से पार्टी के पक्ष में काम करने का सुझाव जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों को दिया है।