गुणवत्ता कमी के चलते महाराष्ट्र एफडीए ने जॉनसन बेबी पाउडर के निर्माण का लाइसेंस रद्द किया
मुंबई। गुणवत्ता में कोताही बरतने के कारण महाराष्ट्र फूड और ड्रग्स प्रशासन (एफडीए) ने जॉनसन बेबी पाउडर के निर्माण का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसके सैंपलों के जांच में पाउडर की गुणवत्ता खराब निकली है। इसके साथ ही ड्रग्स एंड कॉस्टमेटिक एक्ट 1940 के तहत फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं कंपनी को पाउडर के स्टॉक को बाजार से वापस मंगाने के लिए भी निर्देश जारी किया गया है। एफडीए की ओर से जारी किए गए स्टेटमेंट के मुताबिक, नमूनों में पीएच वैल्यू अनिवार्य स्तर से अधिक पाया गया और इसलिए इसे मानक गुणवत्ता के रूप में नहीं बनाया गया है। सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि टेस्ट में जानकारी के अनुसार त्वचा पाउडर बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है। इस कारण से इसको बनाने का लाइसेंस रद्द किया जा रहा है। वहीं कंपनी ने एफडीए की टेस्ट रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया और इसे अदालत में चुनौती दी थी, जिसमें याचिका दायर की गई कि नमूने रेफरल लेबोरेटरी यानी सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, कोलकाता को भेजे जाएं। वहीं पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, निदेशक सीडीएल, कोलकाता ने भी महाराष्ट्र एफडीए की रिपोर्ट की पुष्टि की और अंतिम निर्णायक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि पीएच के परीक्षण के संबंध में नमूना आईएस 5339: 2004 के अनुरूप नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने यह कहते हुए जवाब दिया कि, ‘जॉनसन एंड जॉनसन दुनिया भर के चिकित्सा एक्सपर्ट की ओर से दशकों के स्वतंत्र वैज्ञानिक विश्लेषण के पीछे मजबूती से खड़ा है, जो पुष्टि करता है कि टैल्क आधारित जॉनसन का बेबी पाउडर सुरक्षित है, इसमें एस्बेस्टस नहीं है और नहीं है कैंसर होता है।’