किसान ने की आत्महत्या, प्रशासन ने किया चरित्रहनन
जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के मुड़ी गांव में किसान मनबोध ने सब्जी की खेती खराब होने और न बिक पाने के कारण कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। जिला प्रशासन ने दूसरी शादी की कोशिश के कारण पारिवारिक कलह को आत्महत्या का कारण करार दिया।
पत्नी के साथ-साथ स्वजन और ग्रामीण इस चरित्र हनन के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। रविवार शाम पूर्व मंत्री गणेशराम भगत पीड़ित परिवार से मिलने गांव पहुंचे तो स्वजन व ग्रामीणों ने पूर्व मंत्री के सामने प्रशासन के बयान पर जमकर गुस्सा उतारा।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन संवेदना व्यक्त नहीं कर सकता है तो कम से कम पीड़ित स्वजनों व मृतक किसान का चरित्रहनन तो न करें। भाजपा को सरकार को घेरने का एक और मुद्दा मिल गया है। मनबोध राम ने शनिवार की सुबह घर के नजदीक स्थित खेत में आत्महत्या कर ली थी।
घटना के बाद मामले को तुल पकड़ता देखकर जिला प्रशासन ने पटवारी महादेव सारथी से मामले की जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट में कर्ज और फसल खराब होने की बात को नकारते हुए ग्रामीणों के हवाले से मृतक की पहली पत्नी रहते हुए दूसरा विवाह करने की चाहत को आत्महत्या का कारण बताया गया। अब यही सफाई जिला प्रशासन के गले की हड्डी बन गई है।
पूर्व मंत्री गणेशराम ने रविवार को मुढ़ी में मृतक के स्वजनों और स्थानीय ग्रामीणों से चर्चा करने के बाद जिला प्रशासन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह मामले को रफादफा करने की कोशिश है। शनिवार को ही श्रद्धांजलि योजना के तहत पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार के लिए दो हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने का दावा भी गलत है।
यह राशि पंचायत ने रविवार की सुबह परिवार को दिया है। मोर्चा खोलते हुए जिला भाजपा ने इस पूरे मामले में पीड़ित परिवार को न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने की घोषणा कर दी है। वहीं चरित्र हनन पर कानूनी कार्रवाई पर विचार विमर्श किया जा रहा है।