मोहाली में 9784 घरों में लार्वा मिल चुका; 1739 चालान, 316 केस आए सामने
चंडीगढ़: यह भ्रम है कि हल्की ठंड आते ही डेंगू का मच्छर चला जाता है। जुलाई से नवंबर तक इसकी सक्रियता चरम पर होती है। मोहाली जिले की सिविल सर्जन डॉ. आदर्शपाल कौर ने लोगों से अपील की है कि लापरवाही न बरतें। मोहाली में स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस वर्ष अभी तक 2,95,634 घरों का सर्वे किया गया है। इनमें से 9,784 घरों में डेंगू का लार्वा मिला है। 1,739 चालान किए जा चुके हैं।जिन घरों में पहली बार लार्वा मिला है उन्हें चेतावनी दी गई है। इनके खिलाफ फिर लार्वा मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक जिले में डेंगू के 316 केस आ चुके हैं।सिविल सर्जन ने लोगों को कहा है कि वह अपने घरों में कूलर, बाल्टियों-टब, टायर आदि में पानी खड़ा न होने दें। विभाग द्वारा घरों में जाकर कूलर, फ्रिज की ट्रे, गमलों, खाली पड़े टायरों एवं अन्य सामान की जांच की गई। इस दौरान 9,41,394 कंटेनर चेक किए गए। इनमें से 12,839 कंटेनर्स में लार्वा मिला। बता दें कि जिले में डेंगू बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार चेकिंग अभियान चलाए हुए हैं। वहीं स्प्रे भी किया जा रहा है। इस वर्ष जनवरी से टीमें अभियान चलाए हुए हैं।डेंगू बुखार का स्थाई मौसम नहींविभाग ने बताया कि डेंगू का लार्वा कुछ ही दिनों में खतरनाक मच्छर का रुप ले लेता है। इससे व्यक्ति की जान तक जा सकती है। डॉ. आदर्शपाल कौर ने कहा कि कुछ लोगों को भ्रम होता है कि हल्की ठंड के मौसम के शुरु होने से डेंगू का मच्छर नहीं फैलता। जबकि इसी दौरान भी मच्छर पैदा होने का खतरा बना रहता है। उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार होने का कोई स्थाई मौसम नहीं है। हालांकि जुलाई से नवंबर के बीच यह बुखार ज्यादा फैलता है। ऐसे में अक्तूबर और नवंबर में सावधानी रखनी जरुरी है। ऐसे में लोगों से अपील की गई है कि वह अपने घरों व आसपास साफ एवं गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।फॉगिंग वाले आएं तो दरवाजें-खिड़कियां खुली रखेंसिविल सर्जन ने कहा है कि नगर निगम की टीम जब गली-मोहल्ले में फॉगिंग करने आती है तो घरों के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखें ताकि फॉगिंग अंदर तक हो सके और मच्छर मर सकें। वहीं डेंगू के मच्छर से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े और पायजामा या पेंट पहनें। डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है। वहीं यह साफ पानी में पैदा होता है। संदिग्ध मरीज को स्थानीय अस्पताल में जाकर टेस्टिंग करवानी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी टेस्टिंग और इलाज बिल्कुल फ्री है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नंबर 104 पर भी संपर्क कर जानकारी ली जा सकती है।