बिजली वितरण के नए नियमों का विरोध; प्राइवेट घरानों को फायदा पहुंचाने का लगाया आरोप
अमृतसर: पंजाब के किसान 3 अक्टूबर को एक बार फिर ट्रेनें रोकेंगे। 3 घंटे के लिए रेल सेवाएं बाधित की जाएंगी। किसानों का विरोध बीते दिनों केंद्र सरकार की तरफ से जारी किए गए नोटिफिकेशन बिजली डिस्ट्रीब्यूशन 2022 के खिलाफ है। किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार अब बिजली डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट बड़े घरानों को करने वाली है।किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि नोटिफिकेशन के अनुसार बिजली का वितरण प्राइवेट कंपनियां करेंगी। बिजली डिस्ट्रीब्यूशन का अधिकार राज्य सरकारों का है, लेकिन यह नोटिफिकेशन जारी करके केंद्र सरकार इसे भी अपने हाथ में ले रही है और प्राइवेट घरानों को दे रही है।किसान हैरान हैं कि राज्य सरकारों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा और सरकार कुछ भी नहीं बोल रही। यही कारण है कि किसानों ने इस नोटिफिकेशन के खिलाफ 3 अक्टूबर को 3 घंटे के लिए ट्रेनों को रोकने की घोषणा की है। किसानों ने नोटिफिकेशन वापस लेने की मांग करते हुए कड़ी चेतावनी दी है।रुपए के गिरने से बढ़ेगी महंगाईकिसानों ने इस दौरान रुपए के कमजोर होने पर भी चिंता व्यक्त की है। सरवण सिंह पंधेर का कहना है कि रुपया अपने सबसे निचले स्तर तकरीबन 81 रुपए प्रति डॉलर पर पहुंच गया है। फरवरी 2022 से लेकर अभी तक का अंतर तकरीबन 6 रुपए है, लेकिन इसके नुकसान आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे।पंधेर ने कहा कि रुपया गिरने से खेती उत्पादन महंगा हो जाएगा। बीज से लेकर दवाएं तक महंगी हो जाएंगी। तेल के दाम बढ़ जाएंगे, जिससे महंगाई बढ़ेगी और आम आदमी उसमें पिस जाएगा। 3 अक्टूबर को होने वाले प्रदर्शन में किसान इसे भी दूसरा बड़ा मुद्दा बनाकर उठाएंगे।