22 एक्सीडेंट 22 मौत; पहले नंबर पर कानपुर; निगम के दावे फेल; NCRB की रिपोर्ट में खुलासा
पंजाब का लुधियाना जिला देश में पशुओं के कारण होने वाले हादसों में दूसरे नंबर पर है। स्मार्ट सिटी की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले नगर निगम के अधिकारियों के दावे NCRB की रिपोर्ट ने खोखले साबित कर दिए। रिपोर्ट के मुताबिक, बेसहारा पशुओं से होने वाले हादसों में महानगर लुधियाना देश में दूसरे नंबर पर है।इसका मतलब यह है कि बेसहारा पशुओं की संभाल करने में निगम प्रशासन फेल है। काउसेस के रूप में लोगों से लगातार टैक्स वसूला जा रहा है, लेकिन यह टैक्स पशुओं पर लगता दिखाई नहीं दे रहा। रात के समय हाईवे और शहर में सड़कों पर बेसहारा पशु घूमते देखे जा सकते हैं, जो कई बार हादसों का कारण बन चुके हैं।रिपोर्ट के अनुसार, लुधियाना में 2022 में अब तक 22 हादसे पशुओं के कारण हो चुके हैं, जिनमें 22 लोगों की मौत हुई। इन आंकड़ों के साथ लुधियाना पूरे देश में जिलों की सूची में दूसरे नंबर पर हैं। 49 हादसों में 49 लोगों की मौत के साथ उत्तर प्रदेश का कानपुर जिला शीर्ष पर है।2021 में 478 सड़क हादसे हुएराष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 में 478 सड़क हादसों में कुल 380 लोगों की मौत हुई, 169 घायल हुए। 72.38% हादसों में मौत का कारण अधिक गति और लापरवाह ड्राइविंग मिला। ओवर स्पीडिंग और लापरवाह ड्राइविंग के कारण हुए हादसों में कुल 275 लोगों की मौत हुई।ओवरस्पीड से 257 दुर्घटनाएं और 187 मौत हुईं, जबकि लापरवाह ड्राइविंग ने 117 सड़क दुर्घटनाओं में 88 लोगों की जान जा चुकी है। शराब या नशीली दवाओं के प्रभाव में गाड़ी चलाने से 4 दुर्घटनाएं हुईं और दो लोगों की जान चली गई। 5 सड़क हादसों में लोगों की मौत शारीरिक थकान के कारण हुई।मौसम की स्थिति के कारण 13 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 13 लोगों की मौत हुई। सड़क के बुनियादी ढांचे की कमी के कारण 7 दुर्घटनाएं और 10 लोगों की मौत हुई। खड़े वाहनों से हुई टक्कर के कारण 10 सड़क हादसों ने 9 लोगों की जान ले ली। 38 दुर्घटनाएं अन्य कारणों से हुईं, जिनमें 38 लोगों की जान चली गई।निगम को 5 करोड़ से ज्यादा सालाना बचतसूत्र बताते हैं कि निगम सालाना 6 करोड़ काउसेस के रूप में वसूलते हुए सिर्फ डेढ़ से दो करोड़ के आस-पास ही गउशाला को पैसे अदा कर रहा है। ऐसे में बचे हुए 4 करोड़ से ज्यादा पैसे कहां खर्च करने हैं, इसके लिए कोई हिसाब ही नहीं रखा।उधर, मेयर बलकार सिंह सिंधू ने बड़े दावे 3 वर्ष पहले किए थे कि निगम बेसहारा पशुओं के लिए खुद की गोशाला बनाएगा, जो 5 एकड़ में बनेगी, लेकिन यह दावा किए 3 साल से अधिक का समय हो गया। निगम मुलाजिम इसके लिए अभी तक जगह की तलाश नहीं कर पाए हैं।